नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ के सुकमा में हुए नक्सली हमले से सबक लेते हुए केंद्र सरकार ने सुरक्षा को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने छत्तीसगढ़ के बस्तर डिवीजन में 11 हजार जवानों को नक्सल विरोधी आपरेशनों के लिए तैनात करने का निर्णय किया है।
गौरतलब है कि सुकमा जिले के चिंतागुफा के पास सोमवार दोपहर नक्सलियों ने इस साल की एक और बड़ी वारदात को अंजाम दिया था। जिसमें सीआरपीएफ के अधिकारियों समेत 14 जवान शहीद और 15 से अधिक जवान घायल हो गए थे।
सरकार के इस फैसले के बाद नक्सल प्रभावित बस्तर जिले में सीआरपीएफ के 10 और बीएसएफ के एक बटालियन को भेजा जाएगा। भारत के किसी क्षेत्र में तैनात सुरक्षा बलों की यह अधिकतम संख्या है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ‘केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 10 अतिरिक्त सीआरपीएफ और एक बीएसएफ की बटालियनों की तैनाती की मंजूरी दे दी है।
11 बटालियन में से तीन बटालियन के जवान पहले ही बस्तर डिवीजन के सात जिलों में पहुंच गए हैं और वहां के घने जंगलों और गांवों में तैनात हो गए हैं। बस्तर डिवीजन सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि यह तीन राज्यों (महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और ओडिसा) के नक्सल प्रभावित जंगलों से घिरा हुआ है। गृह मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि सभी 11 बटालियनों की तैनाती अगले साल अप्रैल तक होगी।
बस्तर डिवीजन में छत्तीसगढ़ के सात जिले बिजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा, बस्तर, कोंडागांव, नारायणपुर और कांकेर में पहले से सीआरपीएफ की 31 बटालियनों के 31 हजार जवान तैनात हैं।