हरियाणा के नूंह में हुई हिंसा के बाद अब पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी है और गिरफ्तारियों का सिलसिला जारी है. इसी बीच नूंह में कई लोग गिरफ्तारी के डर से अलग-अलग जगहों पर छिपे हुए हैं. इनमें से कई लोगों ने अरावली की पहाड़ियों को ही अपना ठिकाना बना लिया है. बताया जा रहा है कि इनमें वो दंगाई भी शामिल हैं, जो 31 जुलाई को हुई हिंसा में शामिल थे, वहीं कुछ ग्रामीण भी गिरफ्तारी के डर से इन बीहड़ इलाकों में छिप रहे हैं.
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक अरावली की सुंदर पहाड़ियों के बीच बड़े पैमाने पर लोग छिपे हुए हैं, साथ ही ये अपने साथ खाने और रहने का सामान भी लेकर गए हैं. इन्हीं पहाड़ियों का सहारा लेकर बृज मंडल यात्रा पर हमला किया गया था. रिपोर्ट में बताया गया है कि इंडिया टुडे की एक टीम अरावली के इन पहाड़ियों पर इसकी पड़ताल करने गई थी.
चेहरा छिपाए घूम रहे हैं ग्रामीण
जैसे ही टीम अरावली के पहाड़ियों के बीच पहुंची तो पता चला कि ये पहाड़ियां कई लोगों के लिए छिपने का ठिकाना बनी हुई हैं. पुलिस कार्रवाई के डर से लोग इन पहाड़ियों पर आ गए हैं. इस दौरान सभी ने अपना चेहरा छिपा लिया था. चेहरा छिपाए एक स्थानीय निवासी ने दावा किया कि पुलिस के डर से वो ऐसा कर रहे हैं, उसने कहा कि वो लोग बिना पूछे उठाकर ले जाते हैं.
घरों से निकले करीब 500 लोग
यहां मौजूद लोगों ने बताया कि उनके साथ वो लोग भी शामिल हैं, जो दंगे में शामिल थे. उन्होंने बताया कि पूरा गांव तितर-बितर हो गया है. सभी ने कहीं न कहीं आश्रय लिया है और पुलिस से बचने की कोशिश कर रहे हैं. एक शख्स ने दावा किया कि करीब 500 लोग इस वक्त अरावली की पहाड़ियों में छिपे हुए हैं.
यात्रा पर पहाड़ियों से हुआ हमला
पुलिस ने इस हिंसा के मामले में जो एफआईआर दर्ज की है, उसके मुताबिक नूंह जिले के एक मंदिर में एक यात्रा को निशाना बनाने के लिए कई स्थानीय लोग अवैध हथियार, लाठियां और पत्थर लेकर पहाड़ों से उतरे थे. ये लोग पहले से ही पूरी तैयारी के साथ ऊंचे पहाड़ी इलाके में छिपे हुए थे. ऊंचाई से पथराव और गोलीबारी के वीडियो भी पुलिस के हाथ लगे हैं.