नई दिल्ली : दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर डटे प्रदर्शनकारी किसान बिजली चुराकर हीटर, टीवी, वॉशिंग मशीन जैसे उपकरण चला रहे हैं। यही नहीं उनके चलते निर्माणाधीन दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। हाईवेज को तैयार करने और उनकी मरम्मत का काम करने वाली संस्था नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने प्रदर्शनकारी किसानों पर यह आरोप लगाया है। अथॉरिटी ने यूपी सरकार से रोड खाली कराने की मांग की है। इसके लिए एनएचएआई ने योगी सरकार को स्टेट सपोर्ट एग्रीमेंट की भी याद दिलाई है। इसके तहत यह तय किया जाता है कि कोई भी सरकारी या निजी संस्था या फिर लोग हाईवे प्रोजेक्ट को बाधित नहीं करेंगे। एनएचएआई ने यह आरोप ऐसे समय में लगाया है, जब राकेश टिकैत ने आने वाले दिनों में प्रदर्शन स्थलों पर एसी लगाने की भी बात कही है।
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने हाल ही में आंदोलन स्थलों पर एसी लगाए जाने की बात कही थी। उनका यह बयान प्रदर्शन के लंबा खिंचने का संकेत माना जा रहा है। यह भी एक संयोग ही है कि दो महीने से ज्यादा वक्त से यूपी बॉर्डर पर दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पर हजारों किसानों के साथ आंदोलन कर रहे राकेश टिकैट यूपी सरकार के विद्युत नियमन आयोग की सलाहकार समिति के सदस्य भी हैं। हाईवे अथॉरिटी का कहना है कि उसकी ओर से 16 दिसबंर 2020 के बाद से कई पत्र यूपी सरकार के संबंधित विभागों को भेजे गए हैं और हाईवे को खाली कराने की मांग की गई है। अथॉरिटी का कहना है कि यदि आंदोलनकारी नहीं हटे तो फिर प्रोजेक्ट को तय समय में पूरा करने में मुश्किल होगी।
दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे के प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने मुदित गर्ग ने कहा, ‘हम लगातार अथॉरिटीज को बीते दो महीने से एक्सप्रेसवे पर अवैध कब्जे को खाली कराने के लिए लिख रहे हैं। एक्सप्रेसवे के लिए लगीं स्ट्रीट लाइट्स से बिजली चुराई जा रही है। इसके अलावा सड़क को भी नुकसान पहुंचाया गया है। हमने कई बार रोड को खाली कराने की मांग की है, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला है।’
मुदित गर्ग की ओर से गाजियाबाद के जिलाधिकारी, यूपी के चीफ सेक्रेटरी और एनएचएआई के रीजनल ऑफिस को एक पत्र लिखा गया है। इसमें उन्होंने कहा, ‘किसान एक्सप्रेसवे पर लगी स्ट्रीट लाइट्स की बिजली का इस्तेमाल वॉशिंग मशीन, हीटर्स, टेंट की लाइट, मोबाइल चार्जिंग जैसी पॉइंट्स के लिए अवैध तौर पर कर रहे हैं।’ यही नहीं मुदित गर्ग ने कहा कि किसानों की ओर से बिजली का अवैध इस्तेमाल किया जा रहा है।