शुक्रवार देर शाम व्यय प्रेक्षक श्रीनिवासु कोलि पाक्कू ने वाराणसी सीट से चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों के चुनाव व्यय लेखे की जांच की। इसमें सबसे ऊपर कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय हैं। अरविंद केजरीवाल दूसरे और नरेंद्र मोदी तीसरे नंबर पर हैं।
कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय ने 27 लाख 66 हजार रुपए, ‘आप’ प्रत्याशी अरविंद केजरीवाल ने नौ लाख 96 हजार रुपए, भाजपा प्रत्याशी नरेंद्र मोदी ने 6 लाख चार हजार रुपए, बसपा प्रत्याशी विजय प्रकाश जायसवाल ने पांच लाख 11 हजार रुपए चुनाव प्रचार में खर्च किए हैं। वहीं, सीपीआईएम के हीरालाल यादव एक लाख 31 हजार रुपए चुनाव प्रचार में खर्च किए हैं।
व्यय प्रेक्षक द्वारा जांच के दौरान पाया कि अधिकांश प्रत्याशियों ने अब तक बैंक खाते नहीं खोले हैं। कई प्रत्याशियों ने निर्धारित समय में बैंक खाते नहीं खोले, अधूरा चुनाव व्यय लेखा प्रस्तुत किया, तो किसी के द्वारा प्रस्तुत लेखे का मिलान पासबुक से नहीं हो पा रहा है। व्यय बाउचर भी अधिकांश प्रत्याशियों द्वारा प्रस्तुत नही किये गए। समस्त भुगतान बैंक खातों के माध्यम से नहीं किए गये हैं।
निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों का पालन न किए जाने का संज्ञान लेते हुए व्यय प्रेक्षक श्रीनिवासु कोलि पाक्कू ने व्यय लेखा अधिनियम के प्रावधानों के तहत संबंधित प्रत्याशियों को नोटिस जारी किया है। वाराणसी सीट से लोकसभा चुनाव लड़ रहे कुल 42 प्रत्याशियों में 12 प्रत्याशी अनुपस्थित रहे। अनुपस्थिति प्रत्याशियों को व्यय प्रेक्षक ने नोटिस जारी किया है।
नरेंद्र मोदी के खिलाफ काशी में दो शंकराचार्य आकर प्रचार करेंगे, ऐसी बातें मीडिया की सुर्खियों में रही। इस बात से काशी में काफी हड़कंप मचा रहा। इन दोनों नामों में तथाकथित पूरी के शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद तीर्थ और शारदापीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी का नाम लिया गया।
काशी के विद्यामठ में पूरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती और शारदापीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी के प्रतिनिधि अवनीश त्रिपाठी और अविमुक्तरेस्वरानंद सरस्वती ने पूरे प्रकरण का खंडन किया। अधोक्षजानंद तीर्थ पर दोनों ही लोगों ने फर्जी शंकराचार्य और बहरूपिया का आरोप लगाया। नया खुलासा करते हुए बताया कि अधोक्षजानंद तीर्थ पर पूरी में ही साइकिल चोरी का भी आरोप है।
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के प्रतिनिधि अविमुक्तरेस्वरानंद सरस्वती ने बताया कि अधोक्षजानंद तीर्थ फर्जी आदमी है । देश के कुल चार ही शंकराचार्य पीठ है । शारदापीठ और ज्योतिष्पीठ, बद्रिकाश्रम के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी, गोवर्धनपुरी पीठ के स्वामी निश्चलानंद सरस्वती और श्रृंगेरी पीठ के भारती तीर्थ जी महाराज हैं।
उन्होंने कहा कि अधोक्षजानंद तीर्थ को पूरी पीठ के 500 मीटर दायरे में भी जाने की अनुमति नहीं है। न्यायालय का आदेश उनके पास है। अधोक्षजानंद तीर्थ की मनगढ़ंत बातों को मीडिया ने छापा है, जो सरासर गलत है। मोदी के विरोध की कोई भी बात सत्य नहीं है। स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती देश की जनता के साथ हैं, न कि किसी पॉलिटिकल पार्टी के साथ।
पूरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती अवनीश त्रिपाठी ने कहा कि समाज में गलत संदेश दिया गया है। अधोक्षजानंद तीर्थ पर साइकिल चोरी का मुकदमा दर्ज है। उनकी जांच होनी चाहिए। पंजाब पुलिस भी कई मामलों की जांच कर रही है। वह बहरुपिया बनकर समाज को धोखा दे रहे हैं। नकली शंकराचार्य ने समाज में भ्रामक स्थिति बना दी है ।
दोनों ही प्रतिनिधि ने बाबा रामदेव पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि वह अपने आप को संत न कहा करें। वह योगगुरु हैं। गेरुआ पहनकर कोई स्वामी नहीं बन जाता है। उसके लिए तप और तपस्या जरुरी है।