एक महीने पहले प्रतापगढ़ में एक नाबालिक लड़की के साथ गैंग रेप करने के बाद उसका जीभ दरिंदो ने काट दियाए ताकि वो अदालत में गवाही ना दे सके, इसी तरह अलीगढ में छह साल की मासूम के साथ रेप कर
उसे दरिंदो ने जान से मार दिया। जिसके बाद अलीगढ सुलग उठा था, इतना ही नहीं फर्रुखाबाद के नरेन्द्र सिंह यादव जो कि अखिलेश सरकार में मंत्री है। उनके कोठी में चार दिनों तक एक नाबालिक लड़की के साथ रेप हुआ, जिसे पुलिस ने बरामद किया था।
युवा मुख्यमंत्री के राज्य में नाबालिक लडकियो के साथ होने वाले अत्याचार खासकर रेप के मामले की लिस्ट काफी लम्बी है, बावजूद इसके खुद मुख्यमंत्री और उनकी सरकार के कुछ कद्दावर मंत्री सूबे अपराध कम होने का दंभ भर रहे है। हांलाकि राज्य में क़ानून व्यवस्था ठीक नहीं है, ये ब्यान मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पिता और सपा के सुप्रीमो ने भी मंच से कहा था।
केंद्र सरकार के नेशनल क्राइम ब्यूरो (एनसीआरबी) के अनुसार रेप की घटनाओं को लेकर राज्य सरकार भले ही बड़ी बड़ी दलील देने के साथ क़ानून को सख्त बनाने का दावा कर रही होए लेकिन हालात पूरी तरह से बेकाबू हो गए है। अब अगर प्रदेश में होने वाले रेप के आंकड़ो पर नजर डाले तोए साल 2012 में रेप के कुल 1963 मामले दर्ज किये गए, जिसमे 1040 नाबालिक लडकिय शामिल है। वैसे भी ये आकडा तब का है जब सूबे में लोक लाज की डर से रेप पीड़ित परिवार मामले दर्ज ही नहीं करवाते थे।
रेप के मामले में पुरे देश में उत्तर प्रदेश का स्थान चौथा है, जबकि उत्तर प्रदेश में रेप के मामले में लखनऊ पहले स्थान पर है, जबकि कानपुर दुसरे स्थान पर पहुँच चुका है। कानपुर पुलिस के आंकड़ो पर नजर डाले तोए साल 2011 में जहा कानपुर नगर में कुल रेप के 38 मामले हुए थे। वही साल 2012 में 28 था, जबकि साल 2013 के जनवरी.13 से जुलाई.13 तक यह आंकड़ा 27 पर पहुँच चूका हैए जबकि अभी पुरे पांच महीने बाकी है।
अब अगर कानपुर जोन के 6 जिलो में हुए रेप की घटनाओं पर नजर डाले तो .
स्थान साल .2011 साल.2012 साल.2013
(जनवरी . जुलाई )
कानपुर देहात — 12 09 17
इटावा — 11 08 13
औरैया — 07 05 03
फतेहगढ़ — 08 09 08
कन्नौज — 10 05 08
उधर कानपुर के डी आई जी आर के चतुर्वेदी भी मानते है की कानपुर जोन में नाबालिक लडकियो के साथ रेप के मामले में बढ़ोतरी हुई है। मगर इसके पीछे उनका मानना है कि इस तरह का घृणित काम करने वाले 90 जान पहचान, रिश्तेदार शामिल है, और इस अपराध पर लगाम तभी लग सकता है। जब घर के लोग अपने बच्चियो पर बराबर नजर बनाए रखे, साथ ही डी आई जी का मानना है कि पिछले सरकार के मुकाबले सपा की सरकार में लोगो का भरोसा पुलिस पर और सरकार पर बढ़ा है। लोगो अब ये समझाने लगे है कि इस घटना को छुपाने के बजाये दोसियो को सजा दिलवाएए इसलिए लोग थाणे में शिकायत करने लगे है।
देश में रेप की घटनाओं को रोकने के लिए कई सख्त क़ानून बनाए गएए जिसमे मई 2012 में प्रोटेक्सन ऑफ़ चिल्ड्रेन फ्राम सेक्सुअल ऑफसेट एक्ट बनाया गया। बावजूद इसके ना तो देश के अन्य राज्यों और ना ही उत्तर प्रदेश में मासूम नाबालिको के साथ रेप की घटनाएं रुकने का नाम ले रही है।