नई दिल्ली : अलका लांबा ने आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। वे चांदनी चौक दिल्ली से आम आदमी पार्टी (AAP) की विधायक थीं। काफी दिनों से अटकलों का बाजार गर्म था कि वे पार्टी छोड़ सकती हैं। उन्होंने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से हाल ही के दिनों में मुलाकात की थी। मुलाकात के बाद से चर्चाओं और अटकलों का बाजार चल रहा था। पार्टी छोड़ने की घोषणा अलका ने ट्वीट कर दी है।
अलका लांबा ने ट्विट कर कहा ‘आम आदमी पार्टी को गुडबॉय कहने और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का समय आ गया है। पिछले 6 साल की यात्रा सीखने के लिहाज से काफी अच्छी रही। सभी को धन्यवाद।’
सोनिया से की थी मुलाकात
अलका के आप छोड़ने की घोषणा बिलकुल भी चौंकाने वाली नहीं है, क्योंकि इसे लेकर पिछले काफी दिनों से अटकलें जारी थीं। इस बात की उन्होंने काफी पहले ही घोषणा कर दी थी कि वे दिल्ली विधानसभा का सन् 2020 का चुनाव निर्दलीय के तौर पर लड़ेंगी। वरिष्ठ नेताओं से अलका की नाराजगी की चर्चा सर्वत्र व्याप्त थी। अलका लांबा ने बीती मंगलवार को ही कांग्रेस (Congress) अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से मुलाकात के बाद कहा था कि देश के वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य पर उनसे चर्चा हुई है।
आप से पहले कांग्रेस में थीं अलका : अलका लांबा 20 साल तक कांग्रेस में रहीं और सन् 2013 में उन्होंने आप जॉइन कर ली थी। आम चुनाव में मिली पराजय के बाद उन्होंने अरविंद केजरीवाल की जवाबदेही तय करने की मांग की थी। इस बात को लेकर पार्टी विधायकों ने उन्हें वॉट्सएप ग्रुप से बाहर कर दिया था। अलावा इसके, उन्होंने पार्टी के लिए आम चुनाव प्रचार करने से भी इंकार कर दिया था।
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी से बगावत कर चुकीं दिल्ली की चांदनी चौक विधानसभा से AAP विधायक अल्का लांबा लंबे समय से सीएम अरविंद केजरीवाल समेत AAP के ज्यादातर नेताओं पर हमलावर हैं। दिल्ली में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं और ऐसे में चुनावों से ठीक पहले अल्का लांबा कांग्रेस पार्टी का दामन थाम सकती हैं। कांग्रेस को भी ऐसे तेज तर्रार नेता की दरकार है।
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी में शामिल होने से पहले अल्का लांबा कांग्रेस पार्टी की सक्रिय सदस्य रह चुकी हैं। 90 के दशक में अलका लांबा कांग्रेस पार्टी की छात्र इकाई नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) की नेता के तौर पर दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) में छात्र इकाई के अध्यक्ष पद का चुनाव जीत चुकी हैं।