भाजपा यूपीए की भ्रष्टाचार परस्त नीति के खिलाफ अभियान चला रही है। दूसरी ओर, कांग्रेस का मानना है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई और पारदर्शी प्रशासन उसकी प्राथमिकता में है। झाविमो, झामुमो व अन्य छोटी पार्टियों ने भी आगामी लोकसभा चुनाव में भ्रष्टाचार को प्रमुख मुद्दा बनाने का ऐलान किया है। वाम दल शुरू से ही महंगाई को भ्रष्टाचार का परिणाम बता कर आंदोलन चला रहे हैं ।
पूर्व मुख्यमंत्री सह प्रतिपक्ष नेता अर्जून मुंडा यूपीए की भ्रष्टाचार रूपी गंगोत्री को साफ करने के लिए जनता का साथ मांगा है। आगामी चुनाव में निश्चित रूप से भ्रष्टाचार बड़ा चुनावी मुद्दा होगा। पूर्व मंत्री बड़कुवंर गगरई ने कहा कि केंद्र व राज्य में कांग्रेसी भ्रष्टाचार के कारण महंगाई आसमान छू रही है। टूजी स्पेक्ट्रम, आदर्श हाउसिंग घोटाला, कॉमन वेल्थ गेम, कोल आवंटन में हजारों करोड़ का घोटाला किया गया है।
कांग्रेस विधायक सौरभ नारायण सिंह ने कहा कि भ्रष्टाचार के कारण लोकतांत्रिक व्यवस्था अंदर ही अंदर खोखला हो रहा है। भाकपा माले विधायक विनोद सिंह ने कहा कि निसंदेह भ्रष्टाचार एक बड़ा चुनावी मुद्दा है। देश की आर्थिक दुर्दशा के लिए भ्रष्टाचार ही जिम्मेवार है। यूपीए सरकार व इसके पूर्ववर्ती सरकारों ने जनता के साथ छलावा किया है। वामदल सरकारी संरक्षण में होने वाले भ्रष्टाचार की पोल खोलने के लिए तैयार है।
झाविमो के प्रदीप यादव ने कहा कि उनकी पार्टी भय, भूख व भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष को संकल्पित है। आगामी चुनाव में भ्रष्टाचार अहम मुद्दा होगा। राज्य में अर्जुन मुंडा और मौजूदा हेमंत सरकार की भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाया जायेगा। झामुमो विधायक रामदास सोरेन ने कहा कि भ्रष्टाचार रोके बिना राज्य का विकास संभव नहीं है। राज्य की जनता को भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में आगे आने का आह्वान किया जायेगा।
राजद के जनार्दन पासवान ने भी आगामी चुनाव में भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि पंचायत से लेकर सचिवालय तक भ्रष्टाचार का बोलबाला है। इसके खिलाफ संघर्ष में सामूहिक प्रयास की जरूरत है। देखना अब यह है कि लोकयसभा चुनाव में भ्रस्टाचार का मुद्दा मतदाताओं को रिझानें में कितना कारगर साबित होता है।चुनाव परिणाम के बाद हीं पता चलेगाकि कौन कितना पानी मे है।