नई दिल्ली : नागर विमानन मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि जिन यात्रियों ने 3 मई तक यात्रा करने के लिए, लॉकडाउन के प्रथम चरण के दौरान विमान टिकट बुक कराए थे, उन्हें एयरलाइनों से इसका पूरा पैसा अवश्य वापस मिलेगा और टिकट रद्द किए जाने का कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।
दरअसल, कई यात्री सोशल मीडिया पर यह शिकायत कर रहे हैं कि घरेलू एयरलाइनों ने लॉकडाउन के चलते रद्द हो चुकी उड़ानों के लिए किराए की नकद राशि नहीं लौटाने का फैसला किया है और इसके बजाय अगले एक साल के दौरान यात्रा के लिए उतनी ही राशि के ‘वाउचर’ दिए जा रहे हैं।
गौरतलब है कि भारत ने कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए 25 मार्च से 14 अप्रैल तक लॉकडाउन लागू किया था, जिसका दूसरा चरण 15 अप्रैल से 3 मई तक है। सभी घरेलू और अंतराष्ट्रीय यात्री उड़ानें लॉकडाउन की अवधि के दौरान निलंबित कर दी गई हैं।
नागर विमानन मंत्रालय ने गुरुवार को एक परिपत्र जारी कर कहा कि यदि किसी यात्री ने लॉकडाउन के प्रथम चरण के दौरान टिकट बुक किया है और एयरलाइन ने (घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए) दूसरे चरण के लॉकडाउन की अवधि के लिए प्रथम चरण के दौरान विमान टिकट की बुकिंग के लिए भुगतान प्राप्त किया है तथा यात्री टिकट के रद्द होने पर किराए की राशि वापस चाहता है तो एयरलाइन को टिकट रद्द किए जाने के किसी शुल्क के बगैर पूरा पैसा वापस लौटाना होगा।
मंत्रालय ने कहा कि किराए की राशि यात्रियों को टिकट रद्द करने के अनुरोध के तीन हफ्तों की अवधि के अंदर अवश्य लौटा दी जाए।
आपको बता दें कि लॉकडाउन की अवधि के दौरान भारत में घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय यात्रा निलंबित होने के चलते भारतीय एयरलाइनों का राजस्व काफी घट गया है।
एयरलाइनों को यह डर सता रहा है कि यदि उन्होंने यात्रियों को किराए की पूरी रकम वापस कर दी तो इससे उनके पास नकदी की कमी पड़ जाएगी, इसलिए देश में कोई भी एयरलाइन कंपनी किराए का पूरा पैसा नहीं लौटा रही है। इसके बजाय वे उतनी ही रकम के ‘क्रेडिट वाउचर’ दे रही है, जिसका उपयोग यात्री अगले एक साल के दौरान अन्य बुकिंग के लिए कर सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि किंगफिशर एयरलाइन और जेट एयरवेज का भारत में परिचालन बंद होने पर यात्रियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा था, क्योंकि उन्हें किराए की राशि वापस नहीं मिल पाई। दोनों ही एयरलाइनें अग्रिम बुकिंग कर रही थीं जबकि उनकी माली हालत खस्ताहाल थी।
अमेरिकी सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर इस महीने के आरंभ में अपनी एयरलाइनों को रद्द किए जाने वाले टिकटों का पैसा यात्रियों को लौटाने का निर्देश दिया था।