नोएडा के बहुचर्चित निठारी कांड में फांसी की सजा पाए सुरिंदर कोली की सजा को इलाहाबाद हाइकोर्ट ने उम्रकैद में तब्दील कर दिया है। कोली की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने की मांग में दाखिल याचिका पर आज फैसला आना था।
गौरतलब है कि पीपुल्स यूनियन फॉर डेमोक्रेटिक राइट्स की तरफ से दाखिल जनहित याचिका की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश डा. डीवाई चंद्रचूड तथा न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल की खंडपीठ ने की। याची ने कोली की दया याचिका निर्णीत करने में राज्य व केंद्र सरकार द्वारा हुई देरी को आधार बनाया।
याची का कहना था कि देरी कर सरकार ने मानवाधिकारों का उल्लंघन किया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार उसकी फांसी को उम्रकैद में बदला जाए। रिम्पा हलधर केस में कोली को फांसी की सजा हुई है।
दरअसल हाईकोर्ट ने मंगलवार को उन सभी याचिकाओं पर सुनवाई पूरी कर ली थी, जिनमें उसकी सज़ा-ए-मौत को घटाकर उम्रकैद में बदले जाने का आग्रह किया गया था। वैसे, मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ तथा न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल की खंडपीठ ने अपना फैसला मंगलवार को ही लिखवाना शुरू कर दिया था, जिसे बुधवार को सुनाया गया।