लखनऊ, उत्तरप्रदेश : उन्नाव में युवती के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म और फिर पीड़िता के पिता की जेल में हुई मौत मामले की जांच कर रही CBI टीम ने शुक्रवार को निलंबित पुलिस कर्मियों को हिरासत में लिया है। पूछताछ के लिए उन्हें लखनऊ लाया गया है। बहुचर्चित उन्नाव सामूहिक दुष्कर्म की जांच अब CBI कर रही है। इस मामले में शुक्रवार की सुबह CBI ने रेप के आरोपी भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को गिरफ्तार किया था। इसके अलावा CBI एसपी राघवेंद्र वत्स ने माखी थाने पहुंचकर यूपी पुलिस से संबंधित कागजात ले लिए हैं। इतना ही नहीं इस केस में निलंबित हुये क्षेत्राधिकारी कुंवर सिंह, एसओ अशोक कुमार सहित छह पुलिस कर्मियों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।
SP ने बताया कि पीड़ित परिवार से घटना को लेकर एक घंटे के अंतराल में पीडि़त परिवार से बातचीत की गयी है। साथ ही थाने में भी साक्ष्यों को जुटाया गया है सभी पुलिस कर्मियों को हिरासत में लेकर पूछताछ के लिए लखनऊ लाया गया है। जिनसे पूछताछ की जा रही है। इसके साथ ही पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया जा सकता है। सूत्रों की माने तो CBI की टीम उन्नाव की एसपी पुष्पांजली और पूर्व पुलिस अधिकारी से भी पूछताछ कर सकती है। इसके अलावा जेल में बंद विधायक के भाई अतुल सिंह से भी पूछताछ होगी।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक घटना के वक्त जिले में तैनात रहीं SP नेहा पांडेय के साथ वर्तमान SP पुष्पांजलि से CBI पूछताछ करेगी। निलंबित सफीपुर सीओ कुंवर बहादुर सिंह के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज हो सकती है। दुष्कर्म पीड़िता के मरणासन्न पिता के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने और जेल भेजने वाले हल्का इंचार्ज केपी सिंह को गिरफ्तार किए जाने की सूचना है। सीबीआई टीम द्वारा निलंबित माखी एसओ अशोक भदौरिया के साथ चार सिपाहियों को हिरासत में लिये जाने की जानकारी मिल रही है। थाने में ही पांचों से चल रही है पूछताछ। एसओ, हल्का दारोगा और चारों सिपाहियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा सकता है।
बता दें कि CBI की टीम ने शुक्रवार की सुबह 04 बजकर 30 मिनट पर कुलदीप सिंह को गिरफ्तारी के बाद उन्नाव पहुंचकर पीडि़त परिवार से पूछताछ की। साक्ष्यों को जुटाने के बाद CBI आरोपी को कोर्ट में पेश करेगी। वहीं, इलाहाबाद हाईकोर्ट में केस की सुनवाई पूरी कर ली थी, जिस पर फैसला आज दोपहर दो बजे करीब आया। जिसमें हाईकोर्ट ने भारतीय जनता पार्टी के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को गिरफ्तार करने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने कहा है कि आरोपी की हिरासत काफी नहीं है उसे तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए। अदालत ने साथ में राज्य सरकार से 2 मई तक मामले की प्रगति रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है। इसके अलावा कोर्ट ने कहा कि 20 जून 2017 में दर्ज एफआइअार के तीनों आरोपियों की जमानत रद्द कर उन्हें भी जेल भेजा जाये। कोर्ट ने कहा कि सीबीआई ने अभी विधायक को पूछताछ के लिये बुलाया है। लेकिन उसकी गिरफ्तारी नहीं की है उसे गिरफ्तार किया जाये। मामले की सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीबी भोंसले और न्यायमूर्ति सुनीत कुमार की खंडपीठ कर रही है। कल पीठ ने कानून व्यवस्था को कठघरे में खड़ा करते हुये विधायक की गिरफ्तारी को लेकर तल्ख टिप्पणी की थी।
बता दें कि एसआइटी की जांच रिपोर्ट बुधवार को मिलते ही योगी सरकार ने जांच सीबीआई को सौंप दी थी। इसके बाद गुरुवार की देर रात ही सीबीआई की टीम ने एसआईटीम की रिपोर्ट को तलब किया। इसके बाद सीबीआई लखनऊ की एंटी करप्शन शाखा में आरोपी विधायक के खिलाफ तीन केस दर्ज किये गये है। शुक्रवार की सुबह 4:30 बजे सीबीआई ने विधायक आवास से आरोपी कुलदीप सिंह को गिरफ्तार कर लिया हैं। वहीं, एक टीम उन्नाव के माखी गांव पहुंचकर पीडि़त से पूछताछ की। इसमें पीडि़त के चाचा ने सीबीआई को बताया कि कुलदीप सिंह और उसका भाई अतुल सिंह बहुत ही दंबग हैं।
एक साल पहले एटीएस की टीम ने विधायक के फार्म हाउस से दो आतंकियों को भी गिरफ्तार किया था। लेकिन सत्ता की हनक होने के चलते विधायक के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं की गयी, उनका कहना है कि बस वो सरकार से इंसाफ चाहते है और मेरी भतीजी व भाई के दोषियों को सजा दें। विधायक से पूछे गये सवाललखनऊ स्थित सीबीआई कार्यालय में लाकर विधायक से पूछताछ की जा रही है। इसमें सबसे पहले सवाल विधायक से यह किया गया कि घटना के वक्त वो कहां थे। पीडि़त पक्ष को विधायक कब से जानते हैं। विधायक व चाचा के बीच जो वीडियो वायरल हुआ है, उस पर भी सीबीआई ने पूछताछ की है। ऐसे कई बिन्दुओं पर सीबीआई ने विधायक से पूछताछ कर रही है। इसके अलावा सीबीआई ने आरोपी विधायक व उसके भाई के मोबाइल का सीडीआर निकलवाया है। कोर्ट सुनायेगी फैसला गैंगरेप मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में हो रही सुनवाई पूरी हो गई। कोर्ट आज दोपहर 2 बजे विधायक कुलदीप ¨सह सेंगर पर फैसला सुनाएगी। वहीं, इस केस को लेकर कोर्ट ने प्रदेश की सरकार को काफी फटकार लगायी थी।
जानिए क्या है पूरा मामला
गौरतलब है की उन्नाव के माखी गांव निवासी एक युवती को तीन युवकों ने नौकरी के बहाने ले जाकर सामूहिक दुष्कर्म किया था जिसमें युवती ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। 22 और 25 जून को तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। इस समय वे जमानत पर हैं जिसके खिलाफ पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। 17 अगस्त, 2017 को पीडि़ता ने मुख्यमंत्री से लिखित शिकायत की, जिसमें उसने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर, उसके भाई व अन्य लोगों पर चार जून, 2017 को उसके साथ दुष्कर्म करने का आरोप लगाया।
जिसके बाद उसके परिवार को विधायक की ओर से प्रताड़ित किया जाने लगा। एक दिन लड़की के पिता को पीटने के बाद फर्जी मुकदमें में जेल भेज दिया गया। जेल में ही पिटाई से पिता की मौत हो गई। लड़की ने पिता की मौत से पहले मुख्यमंत्री आवास के सामने आत्महत्या करने का प्रयास किया। इसके बाद आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी गई। घटनाक्रम मीडिया में छाने के बाद मुख्यमंत्री ने एसआइटी का गठन किया। 24 घंटे में टीम से रिपोर्ट मांगी। एसआइटी की रिपोर्ट पर डाक्टर, सीओ सहित पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है।