केदारनाथ धाम के त्रासदी के बाद अमरनाथ यात्रा पर गये श्रधालुओ को बर्फानी बाबा के दर्शन न होने और समय से पहले अंतर्धान हो जाने से भक्तों में तरह तरह कि आशंकाएं उत्पन्न हो गए हैं। भक्तगण यह नहीं समझ पा रहे कि बाबा क्यो रूठे हैं। यात्रा शुरू होने के मात्र 17 दिन बाद ही बर्फानी बाबा का आकार अप्रत्याशित रूप से कम हो गया जिससे दूर दराज से कष्ट उठा व दिल मे मन्नत कि तमन्ना लिए पहुँचे भक्तों को निराशा हाथ लगी।
अगर पूर्व के आकड़ो को माने तो पिछले एक दशक में यह पाँचवा ऐसा मौका है जब बर्फानी बाबा समय से पहले अन्र्तधान हो गए। 2005, 2006, 2009 और 2011 मे भी समय से पूर्व हिम शिवलिंग अन्तर्धान हो गए 28 जून से शुरू हुए इस बार कि यात्रा के समय हिमलिंग 16 फुट का था पर 15 जूलाई कि सुबह उनका आकार बहुत कम हो गया, जबकी यात्रा 21 अगस्त तक चलने वाली है पर समय से पहले अन्तर्धान हो गए।
हालांकी, भक्तों में आस्था अब भी बरकार है दोनों ओर से भक्तों के आने का सिलसिला जारी है। अब तक पवित्र गुफा में पहुँचने वाले भक्तों की संख्या ढाई लाख के पास पहुँच गई है। समय से पहले अन्तर्धान होने का मूल कारण मौसम कि बेरूखी बताया जा रहा यात्रा शुरू होने के समय गुफा का अधिकतम तापमान 11 से 16 डीग्री रहती है और न्यूनतम 2 से 5 रहती है कभी कभी शून्य भी हो जाती है तथा बारिश अक्सर होती है, जो इस वर्ष नदारद है मामला जो भी हो पर इस वर्ष भक्त बाबा के रूठने से कई तरह के आशंकाओ से जोड़ कर देख रहे और किसी अनहोनी का भय उनके दिल में है।