नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय राजधानी और इसके आसपास के क्षेत्रों में कोविड-19 की स्थिति पर चर्चा के लिए गुरुवार को दिल्ली, हरियाणा और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्रियों के साथ एक बैठक की। दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में कोरोनावायरस संक्रमण के मामले तेज गति से बढ़े हैं, जिस कारण केंद्रीय गृहमंत्री ने स्थिति से निपटने के लिए और स्वास्थ्य ढांचे को बेहतर बनाने के लिए कदम उठाए हैं।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि शाह ने दिल्ली-एनसीआर में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की। बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन भी मौजूद थे। एनसीआर में हरियाणा, उत्तरप्रदेश और राजस्थान के कुछ जिले आते हैं। इनमें मुख्य रूप से गौतम बुद्ध नगर(नोएडा) और गाजियाबाद, दोनों उत्तरप्रदेश में पड़ते हैं तथा हरियाणा में पड़ने वाले गुड़गांव और फरीदाबाद शामिल हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वीडियो कॉफ्रेंस के जरिए बैठक में शामिल हुए।
दिल्ली में बुधवार तक कोविड-19 से 89,000 लोग संक्रमित हो चुके हैं और 2,803 लोगों की मौत हुई है। उत्तर प्रदेश में कोविड-19 के मामले बढ़कर 24,056 हो गए हैं जबकि अब तक 718 लोगों की मौत हुई है। एनसीआर में पड़ने वाले राज्य के गौतम बुद्ध नगर जिले में अब तक 2,362 मामले सामने आए हैं और 22 लोगों की जान जा चुकी है। गाजियाबाद में संक्रमण के अब तक 851 मामले सामने आए हैं और 56 लोगों की मौत हुई है। हरियाणा में कोविड-19 के कुल 14,941 मामले सामने आए हैं और इस महामारी से राज्य में 240 लोगों की मौत हुई है।
गुड़गांव में 92 और फरीदाबाद में 80 लोगों की मौत हुई है। दोनों जिलों को मिलाकर 9,300 से अधिक मामले सामने आए हैं। दिल्ली और एनसीआर के बीच लोगों की मुक्त आवाजाही पर लगी पाबंदियां लॉकडाउन के शुरुआती दिनों में एक बड़ा मुद्दा बन गई थीं।
योगी ने कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ने के बीच एनसीआर के जिलों में आवागमन को लेकर पूरी सतर्कता बरतने के गुरुवार को अधिकारियों को निर्देश दिए। एक बयान के मुताबिक योगी ने लखनऊ में एक उच्चस्तरीय बैठक में अनलॉक व्यवस्था की समीक्षा के दौरान कहा कि एनसीआर के जिलों में सावधानी बरत कर कोविड-19 को फैलने से रोका जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि 18 जून को एक बैठक में शाह ने कहा था कि कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिये दिल्ली और एनसीआर के लिए एक साझा रणनीति बनाई जानी चाहिए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि गुड़गांव, नोएडा और गाजियाबाद जैसे उपनगरों को इस लड़ाई में राष्ट्रीय राजधानी से अलग नहीं किया जा सकता।
गृह मंत्री पिछले महीने की शुरुआत में राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस की स्थिति से निपटने के लिए हरकत में आए थे। दरअसल, कोविड-19 से निपटने के तरीकों को लेकर दिल्ली सरकार को आलोचना का सामना करना पड़ा था। साथ ही मरीजों के लिए अस्पतालों में बिस्तर उपलब्ध नहीं होने और प्रयोगशालाओं में जांच कराने में परेशानी होने की शिकायतें भी मिली थीं।