नई दिल्ली : अमिताभ बच्चन का पहला प्यार जया बच्चन या रेखा नहीं, बल्कि ब्रिटिश कंपनी ICI में काम करने वाली महाराष्ट्रीयन लड़की चंद्रा (बदला हुआ नाम) थी। कोलकाता में ही दोनों नौकरी करते थे। अमिताभ को 1500 और चंद्रा को 400 रुपए महीना सैलरी मिलती थी। बिग बी उससे शादी भी करना चाहते थे। लेकिन बात नहीं बनी तो बिग बी नौकरी और कोलकाता, दोनों छोड़कर मुंबई आ गए थे। उस वक्त उनकी 26 दिन की सैलरी भी काटी गई थी।’ ये कहना है ब्लैकर एंड कंपनी में तीन साल अमिताभ के साथ काम कर चुके उनके दोस्त दिनेश कुमार का।
दोस्त की जुबानी पढ़ें रोहिताश्व मिश्रा की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट :
11 अक्टूबर को अमिताभ का 74वां बर्थ-डे है। इन 74 सालों में उनकी जिंदगी के हर पहलू के बारे में बहुत लिखा गया। लेकिन साठ दशक में नौकरी के लिए उनके कोलकाता में रहने से जुड़े किस्सों के बारे में काफी कम लोग जानते हैं। बिग बी के इन्हीं 7 सालों की सबसे इंट्रेस्टिंग जानकारी रीडर्स तक पहुंचाने के लिए एक हिंदी वेबसाइट ने अमिताभ के उस दौर के ऑफिस कलिग्स से लेकर रूम मेट्स, मकान के चौकीदार और कई करीबियों से मुलाकात की। हम आपको अमिताभ की आखिरी नौकरी से जुड़ी कहानी बताने जा रहे हैं।
ब्लैकर एंड कंपनी में अमिताभ के कलीग रहे दिनेश कुमार अभी कोलकाता में ही रहते हैं। दोनों ने 3 साल एक साथ इस कंपनी में काम किया था। दिनेश ने वेबसाइट को बताया कि दूसरी ब्रिटिश कंपनी में काम करने वाली चंद्रा पहले अमिताभ से शादी करने को राजी थीं। लेकिन बाद में उन्होंने मना कर दिया। कई बार कोशिशों पर भी दोनों में बात नहीं बनी।
उसके कुछ दिन बाद चंद्रा ब्रिटिश रेलवे में काम करने वाली अपनी बड़ी बहन के साथ वर्ल्ड टूर पर चली गईं। टूर से वापस आने पर अमिताभ ने चंद्रा से शादी करने के लिए पूछा। इस बार चंद्रा ने मना कर दिया।
दिनेश के मुताबिक, अमिताभ का नौकरी और कोलकाता दोनों छोड़ने के पीछे का एक बड़ा कारण यही सदमा था।
अमिताभ ने 26 दिसंबर 1968 को ब्लैकर एंड कंपनी से इस्तीफा दिया था। तब उनकी सैलरी करीब 1500 रुपए थी। लेकिन उन्हें 30 नवंबर 1968 तक की ही सैलरी दी गई थी।
बाकायदा इसको लेकर कंपनी के डायरेक्टर ने ट्रस्टी को लेटर भी लिखा था। फिर मुश्किल से उन्हें फुल एडं फाइनल पेमेंट दिया गया था। इस लेटर की कॉपी हिंदी वेबसाइट को अमिताभ के ही कोलकाता के लास्ट ऑफिस ब्लैकर कंपनी से मिली है।
दिनेश का कहना है कि अमिताभ ने जब ब्लैकर एंड कंपनी ज्वाइन की थी तो उनकी सैलरी 600 रुपए थी। उनके बेहतरीन काम की बदौलत कंपनी ने 4 साल में हजार रुपए का इंक्रीमेंट दिया था। ये उस समय कंपनी में काम करने वाले 16 लोगों में थर्ड हाइएस्ट था।
दिसंबर 1968 के पहले हफ्ते में अमिताभ बच्चन से उनके लास्ट ऑर्गनाइजेशन ब्लैकर एंड कंपनी के एमडी श्रीकांत केबिन में बुलाकर नौकरी छोड़ने का कारण पूछते हैं। सूट-टाई पहने बिग बी थोड़ी देर खामोश खड़े रहते हैं। फिर धीरे से बोलते हैं- पर्सनल है। और केबिन से बाहर आ जाते हैं। बाद में 26 दिसंबर को वो कंपनी की ओर से मिली गाड़ी की चाभी वापस करके ऑफिस से निकल जाते हैं। बिग बी के साथ काम करने वाले दिनेश के मुताबिक, ये इस्तीफा अमित की लाइफ का सबसे बड़ा टर्निंग प्वाइंट था।
बिग बी के साथ काम कर चुके एक अन्य साथी बापी मुखर्जी ने वेबसाइट को बताया कि अमिताभ ऑफिस टाइम के पंक्चुअल थे। सुबह 9:30 बजे ऑफिस आते। बतौर मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव उनका काम कंपनी की तरफ से क्लाइंट से डील करना होता था। दोपहर 1 से 2 के बीच कंपनी से मिली अपनी कार में बैठकर बाहर खाना खाने जाते थे। शाम को ऑफिस से फ्री होकर पार्क स्ट्रीट से लेकर बैलागंज और ली रोड की तरफ घूमने निकल जाते थे।