नई दिल्ली : लोकपाल को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने एक बार फिर हुंकार भरी है। उन्होंने मोदी सरकार के खिलाफ भूख हड़ताल करने की धमकी दी है।
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने रविवार को कहा कि वह केंद्र में लोकपाल की नियुक्ति में विलंब के विरोध में केंद्र सरकार के खिलाफ 2 अक्टूबर से भूख हड़ताल करेंगे। उन्होंने लोगों से अपील की कि वह देश को भ्रष्टाचारमुक्त बनाने के उनके अभियान में उनका साथ दें।
अन्ना हजारे ने पत्रकारों से अपनी बातचीत में कहा, कि मैं गांव रालेगण सिद्धि में 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती से मोदी सरकार के खिलाफ भूख हड़ताल शरू करूंगा। एनडीए सरकार की निंदा करते हुए कहा कि इस सरकार ने पहले आश्वासन दिया था कि वह लोकपाल की नियुक्ति करेगी और संसद द्वारा पारित एवं राष्ट्रपति द्वारा जनवरी 2014 में हस्ताक्षरित लोकपाल विधेयक को क्रियान्वित करेगी।
हजारे ने कहा, भ्रष्टाचार पर रोक लगाने को लेकर इस सरकार के पास इच्छाशक्ति की कमी है और इसलिए यह बहुत से कारण बता रही है तथा लोकपाल की नियुक्ति में विलंब कर रही है। लोकपाल आंदोलन का प्रमुख चेहरा रहे हजारे ने 2011 में 12 दिन तक भूख हड़ताल की थी। जिससे विवश होकर उस समय की यूपीए सरकार ने लोकपाल विधेयक पारित कर दिया था।
उच्चतम न्यायालय ने इस सप्ताह की शुरुआत में लोकपाल के लिए सर्च कमिटी के सदस्यों की नियुक्ति पर केंद्र के जवाब पर असंतोष जताया था। केंद्र ने पूर्व में शीर्ष अदालत को बताया था कि सर्च कमिटी के गठन के लिए प्रधानमंत्री के नेतृत्ववाली लोकपाल चयन समिति की बैठक होनी है। जिसमें कमिटी अपनी प्रक्रियाएं तय करेगी, जिसके बाद चयन समिति समयसीमा निर्धारित करेगी, जिसमें लोकपाल के अध्यक्ष और सदस्यों के चयन के लिए नामों की सिफारिश की जाएगी।