नई दिल्ली : एक बार फिर अन्ना हजारे जंतर मंतर पर धरने के लिए तैयार है। आज से अन्ना हजारे अपनी नई टीम के साथ जंतर मंतर पर एक नए मुद्दे भूमि अधिग्र्रहण के लिए सरकार के सामने खड़े दिखाई देने वाले है।
ये धरना अपने आप में बहुत अलग है और खास भी है। हर बार भ्रष्टाचार की बात करने वाले अन्ना इस बार नए मुद्दे पर जंतर मंतर पर दस्तक दे रहे है। दूसरी बात वो इस बार कांग्रेस नही बल्कि मोदी सरकार के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। ऐसे में वो लोगो की भीड़ कितना जुटा पाते है वो भी देखना दिलचस्प होगा। क्योंकि कांग्रेस और मोदी सरकार में भी काफी अंतर है और लोग दोनों सरकारों को एक अलग-अलग नजरिये से देखते है।
पिछली बार अन्ना का साथ देने के लिए अरविन्द केजरीवाल,किरण बेदी,मनीष सिसोदिया,गोपाल राय,कर्नल वी.के.सिंह जैसे लोग थे। जिन्होंने अपना दिल और दिमाग लगाकर अन्ना के आंदोलन को गति दी और आज वो सब सेटल है। इस बार कौन- कौन लोग होंगे जो अन्ना का साथ देंगे ये भी देखना दिलचस्प होने वाला है।
अन्ना के पिछले आंदोलन पर ये सवाल उठता आया है कि जिस भी कार्यकर्ता ने अन्ना के लिए नारा लगाया वो कहीं न कहीं फिट हो गया। इस बार इस आंदोलन से कौन कौन जुड़ेगा और किस-किस जगह फिट होगा ये भी बड़ा और सबसे महत्वपूर्ण सवाल है। मतलब साफ है लड़ाई के साथ-साथ अन्ना के आंदोलन से लोग अपने आगे के करियर को भी जोड़कर देखते है और अन्ना को छोड़कर आगे निकल जाते है। इस बार क्या कुछ होगा देखना मजेदार होगा।
अन्ना ने साफ कर दिया है कि उनके धरने में कोई भी आ सकता है राहुल गांधी से लेकर अरविंद केजरीवाल या कोई भी नेता लेकिन वो जमीन पर नीचे बैठेगा मंच पर नही। पहले किसी भी नेता का विरोध करने वाले अन्ना हजारे ने जो ढील नेताओ को दी है वो क्यों दी है समझना थोड़ा मुश्किल है। लेकिन इस बात के भी कई मायने निकाले जा सकते है। एक तो अन्ना को ये लगता होगा कि अगर बड़े नेता ही नहीं आये तो सरकार से उनकी बातचीत कौन करा पायेगा या नेता ही नहीं आये तो भीड़ कहा से आएगी। लेकिन किसी भी आंदोलन का राजनीतिकरण करना महंगा भी पड़ जाता है। ये भी अन्ना हजारे को समझना होगा ।
इसके अलावा भी कई मुद्दे है जिन पर चर्चा की जा सकती है, लेकिन अभी के लिए सिर्फ इतना ही। चलिए चलते है जंतर मंतर जन्हा अन्ना हजारे बिगुल बजाने वाले है केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ।
भारत चौहान, (आजतक)