जन लोकपाल बिल संसद में पास कराने के लिए सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने एक बार फिर हुंकार भरी है। अन्ना नई दिल्ली में शीतकालीन सत्र के पहले दिन ‘सत्याग्रह’ की शुरुआत
करेंगे ।
यहाँ से 40 कि. मी. दूर अपने गाँव रालेगण सिद्धि से कहा कि पिछले मानसून सत्र में प्रधानमंत्री ने जन लोकपाल विधेयक पारित करने का आश्वासन दिया था। लेकिन केंद्र सरकार ने आश्वासन के अनुरूप विधेयक को राज्यसभा में पेश ही नहीं किया गया।
उन्होंने बतया कि, वह दिल्ली के रामलीला मैदान में भूख हड़ताल की शुरुआत करेंगे और लोगों को अपनी तहसील, डीएम कार्यालयों में तब तक आंदोलन करना चाहिए, जब तक हम एक मजबूत जन लोकपाल हासिल न कर लें।
अन्ना अपने इस आगामी राष्ट्रवादी आन्दोलन को लेकर योजना बनाने में जोरशोर से लगे हुए हैं। अन्ना ने हजारे ने युवाओं और पूरे देश से उनके साथ मिलकर वैसा ही अहिंसक सत्याग्रह’ करने की अपील की जैसा आंदोलन उन्होंने 16 अगस्त 2011 को शुरू किया था।
उस आन्दोलन के बाद ही सरकार संसद का विशेष सत्र बुलाने को मजबूर हुई थी और तीन महत्वपूर्ण मांगों पर सहमती जताते हुए एक प्रस्ताव पारित किया गया था। अन्ना ने प्रधानमंत्री से मांग की है कि उन्हें राष्ट्रपति से संसद का विशेष सत्र बुलाने की अपील करनी चाहिए क्योंकि लोकसभा में पारित होने के लगभग दो साल बाद भी यह विधेयक लंबित पड़ा है ।
उन्होंने बतया कि दिसंबर 2011 में लोकसभा में पारित होने के बाद यह विधेयक राज्यसभा की प्रवर समिति के पास भेज दिया गया था। इस समिति द्वारा रिपोर्ट जमा कराई जानी अभी बाकी है।
अन्ना ने दुःख जताते हुए कहा कि सरकार ने खाद्य सुरक्षा, भूमि, चुनाव सुधार और पेंशन आदि अनेक विधेयक पारित किए हैं, लेकिन सरकार में भ्रष्टाचार को रोकने और जन लोकपाल बिल लाने की इच्छाशक्ति ही नहीं है ।