जन लोकपाल बिल पारित कराने की मांग को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने अक्टूबर में फिर दिल्ली के रामलीला मैदान में अनशन पर बैठने की चेतावनी दी है। जन लोकपाल बिल को पारित कराने में सरकार की नाकामी पर निराशा जताते हुए अन्ना हजारे ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में यह नया अल्टीमेटम दिया है।
अन्ना का यह अल्टीमेटम ऐसे समय आया है जब केंद्र सरकारी चुनावी तैयारियों में जुटी दिखाई दे रही है। सरकार की तैयारियों को देखते हुए राजनीतिक हलकों में नंबर में लोकसभा के मध्यावधि चुनाव की चर्चा शुरू हो चुकी है। अन्ना ने पहले ही एलान किया था कि अगर जन लोकपाल बिल पारित नहीं हुआ तो आम चुनाव से पहले वह फिर अनशन करेंगे। गांधीवादी हजारे ने लिखा, देश में भ्रष्टाचार की वजह से मंहगाई बढ़ी है लेकिन सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। इसलिए मैंने अक्टूबर में रामलीला मैदान पर फिर से अनशन पर बैठने का फैसला किया है।
अनशन की तारीखें अभी तय नहीं हुई हैं। साथ ही याद दिलाया कि सरकार ने जन लोकपाल बिल संसद में लाने के सरकार के वादे के बाद रामलीला मैदान पर अनशन खत्म किया था, लेकिन दो साल बीत जाने के बाद भी यह पारित नहीं कराया जा सका। अन्ना ने सरकार पर उनसे और देशवासियों से झूठे वादे कंरने का आरोप भी लगाया। सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हु अन्ना ने कहा कि विरोध के बावजूद मल्टीब्रांड रिटेल में FDI और राष्ट्रपति चुनाव को लेकर संप्रग बहुमत जुटा सकती है, लेकिन जन लोकपाल के लिए वह ऐसा नहीं कर सकी।इससे साफ है कि सरकार में भ्रष्टाचार से लड़ने की इच्छाशक्ति नहीं है।
अन्ना के मुताबिक, सरकार ने सिटीजन चार्टर, मजबूत लोपाल बिल और उसके तहत सभी सरकारी कर्मचारियों को लाने की मांगे रखी थीं, लेकिन इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया। भ्रष्टाचार को लेकर देशवासियों को जगाने निकले अन्ना ने हाल ही में अपनी जनतंत्र यात्रा काप दूसरा चरण पूरा किया है।