इस धांधली में भी सीधे सीधे आरएसएस प्रचारकों के शामिल होने के संकेत मिल रहे हैं। भोपाल के आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे ने आरटीआई के माध्यम से ऐसी जानकारी हासिल की है। इस जानकारी से खुलासा हुआ है कि वर्ष 2006 में लोक सेवा आयोग के तत्कालीन चेयरमैन प्रदीप जोशी की नियुक्ति आरएसएस के प्रचारक ‘विनोद जी’ के लिखित आदेश पर की गई थी जो असंवैधानिक है।
गौरतलब है कि इंटेलिजेंस ने अपनी रिपोर्ट में साफ साफ कहा था कि प्रदीप जोशी तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मानव संसाधन विकास मंत्री मुरली मनोहर जोशी के रिश्तेदार हैं और उनकी नियुक्ति इस पद पर नहीं की जा सकती है।
पांच साल लंबी लड़ाई लड़ने के बाद अजय दुबे ने आरटीआई में जो दस्तावेज हासिल किए हैं उनमें ‘विनोद जी’ की सिफारिशी चिट्ठी भी लगी है। दुबे का कहना है कि इस पूरे मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए जिससे आरएसएस और बीजेपी के बड़े चेहरे बेनकाब हो जाएंगे।