अनुच्छेद 370 खत्म, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख बने केंद्र शासित प्रदेश

नई दिल्ली: कश्मीर के मुद्दे को लेकर संसद में गहमा-गहमी का माहौल के बीच मोदी सरकार ने बड़ा फैसला कर दिया है। जम्मू-कश्मीर अब पूर्ण राज्य नहीं रह गया है। इसे दो टुकड़ों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में तोड़ दिया गया है और दोनों को ही केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया है। यानी अब जम्मू-कश्मीर राज्य नहीं रहेगा और वह केंद्र शासित प्रदेश होगा। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर को मिला विशेष राज्य का दर्जा भी खत्म हो गया है।

गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में कश्मीर में धारा 370 को हटाने का संकल्प पेश किया। इसके बाद संसद में हो-हल्ला शुरू हो गया। सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि सात अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को संबोधित कर सकते हैं। इसके साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि आज यानी सोमवार को ही एनएसए अजीत डोवाल जम्मू-कश्मीर का दौरा कर सकते हैं। सुरक्षा बलों को हाई-अलर्ट पर रखा गया है।

अमित शाह ने राज्यसभा में सोमवार को कहा कि हम जो चारों संकल्प और बिल लेकर आए हैं, वह कश्मीर मुद्दे पर ही हैं। शाह ने कहा कि मैं अब अपना संकल्प प्रस्तुत करता हूं। अनुच्छेद 370 (1) के अलावा सभी खंड राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद खत्म होंगे।

गृह मंत्री अमित शाह ने जैसे ही यह संकल्प पेश किया, राज्यसभा में विपक्ष ने जोरदार हंगामा शुरू कर दिया। अमित शाह के इस संकल्प का सीधा सा अर्थ है कि जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को हटा दिया गया है। यह अब विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश होगा।

इसके साथ ही दूसरी बड़ी घोषणा है कि लद्दाख को भी जम्मू-कश्मीर से अलग कर दिया गया है। लद्दाख अब बिना विधानसभा वाला एक अलग केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया है। संविधान (जम्मू कश्मीर में लागू) आदेश 2019 को राष्ट्रपति ने लागू कर दिया। इस घोषणा के होते ही राज्यसभा में PDP सांसद ने अपने कपड़े फाड़ लिए। विपक्षी दल के सांसद राज्यसभा में जमीन पर बैठकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

अमित शाह ने कहा कि संविधान में अनुच्छेद 370 अस्थाई थी। इसका मतलब ही यह था कि इसे किसी न किसी दिन हटाया जाना था, लेकिन अभी तक किसी में राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं थी, लोग वोट बैंक की राजनीति करते थे, लेकिन हमें वोट बैंक की परवाह नहीं है। इतने सालों से देश में जम्मू कश्मीर के अल्पसंख्यकों को आरक्षण का लाभ नहीं मिला, अब समय आ गया है कि इस अनुच्छेद को हटाया जाए और इसमें एक सेकेंड की भी देरी न की जाए। राज्य सभा के सभापति वैंकेया नायडू ने कहा कि इस बिल के लिए 12:30 बजे तक चर्चा का समय रहेगा। वोटिंग अलग से होगी।

समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव के सवाल का जवाब देते हुए राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मुझे बड़ा अच्छा लगता कि सारे सदस्य सरकार से जान लेते कि हम किस पद्धति से ऐसा करने जा रहे हैं। अनुच्छेद 370 में ही इसका प्रावधान है। इसमें राष्ट्रपति के पास ऐसा प्रावधान है जिसके जरिए इसमें कुछ धाराओं को हटाया जा सकता है।

ऐसा पहली बार नहीं हुआ, इस सदन में इससे पहले कांग्रेस खुद भी ऐसा कर चुकी है। शाह ने कहा कि कांग्रेस ने 1952 और 1962 में इसी तरह से अनुच्छेद 370 को संशोधित किया था। इसलिए विरोध करने के बजाए चर्चा कीजिए और आपकी जो भी गलतफहमियां हैं उन्हें दूर करें। मैं आपके सवालों का जवाब देने के लिए तैयार हूं।

बताया जा रहा है कि स्वतंत्रता दिवस पर राज्य की सभी पंचायतों में तिरंगे को फहराया जाएगा। इसमें कोई अलगाववादी तत्व बाधा न डालें, इसलिए जवानों को वहां भेजा गया है। साथ ही पाकिस्तान की तरफ से होने वाली किसी भी अवांछित हरकत या आतंकियों की घुसपैठ को विफल करने के लिए भी जवानों की अतिरिक्त तैनाती की गई है।