दरअसल, इस मसले पर पूरी तरह अनिश्चितता की स्थित है। विदेशी बैंकों में जमा कालाधन हिन्दुस्तान कब आएगा, आ पाएगा भी या नहीं, किसी को नहीं मालूम। लेकिन हजारों करोड़ के कालेधन को लेकर उम्मीदों के टूटने और फिर से उम्मीदें जगाने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। वित्तमंत्री जेटली ने भरोसा दिलाया कि कालाधन भारत आएगा और जल्द ही आएगा, नाउम्मीद होने की जरूरत नहीं है।
2014 के चुनाव में नरेंद्र मोदी ने जिन मुद्दों पर बड़ा ‘स्कोर’ किया, उनमें से एक काफी अहम मुद्दा ‘कालाधन’ भी था। लेकिन गुरुवार को अचानक ही देश को झटका लगा, जब बीजेपी के ही सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि उनकी जिंदगी में तो कालाधन वापस नहीं आ पाएगा। बयान से न सिर्फ देश को झटका लगा, बल्कि मोदी सरकार भी हिल गई होगी, क्योंकि मोदी सरकार के आने के बाद जो पहला सबसे बड़ा ऐलान हुआ था, वह कालेधन को लेकर ही था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कालेधन की जांच के लिए एसआईटी के गठन को पहली कैबिनेट बैठक में मंजूरी दी गई थी।
जाहिर है कि बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के बयान के बाद सरकार को अपनी छवि की चिंता हुई और वित्तमंत्री ने कालेधन की जल्द वापसी का भरोसा देते हुए अपनी पार्टी के सांसद के भी दीर्घायु होने की कामना की। सरकार नाउम्मीद नहीं है, इसलिए किसी को भी नाउम्मीद होने की जरूरत नहीं है। कालाधन आएगा, देश के अच्छे दिन आएंगे। लेकिन कब और कैसे, इस पर कुछ नहीं मालूम। वित्तमंत्री के मुताबिक, ऐसी तमाम जानकारी वे सुप्रीम कोर्ट को ही देंगे।