नई दिल्ली : भारत की स्टार पीवी सिंधु ने महिला बैडमिंटन सिंगल्स के फाइनल में पहुंचकर इतिहास रच दिया। वे एशियाई खेल के इतिहास में बैडमिंटन महिला के फाइनल में पहुंचने वाली भारत की पहली शटलर बनी।
ओलंपिक सिल्वर मेडलिस्ट पीवी सिंधु ने 18वें एशियन गेम्स के फाइनल में जगह बना ली है. उन्होंने आज,यानि 27 अगस्त को सेमीफाइनल में जापान के अकाने यामागुची को 21-17, 15-21, 21-10 से करारी शिकस्त दी। इसी के साथ वे एशियन गेम्स की बैंडमिंटन महिला सिंगल्स फाइनल में पहुचंने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी भी बन चुकी है।
जानकारी के लिए आपको बता दें, इसके पहले बैंडमिटन स्टार सायना नेहवाल को ताइवान की खिलाड़ी ताई जू यिंग से हार का सामना करना पड़ा था, जिसमें उन्हें 21-17, 21-14 से ताइवान की खिलाड़ी से हराया , हालांकि इसके बावजूद उन्हें कांस्य पदक मिला।
पीवी सिंधु ने सेमीफाइनल में जापान के अकाने यामागुची के खिलाफ शुरूआत से ही दबाव बनाए रखा, हालांकि इसके बाद यामागुची ने वापसी करते हुए गेम को 4-4 पर ले आया, लेकिन सिंधु ने एक बार फिर अपने अनुभव और आक्रामकता के दम पर 11-8 से बढ़त बना ली और 22 मिनट में यह गेम 21-17 से सिंधु के पाले में चला गया और जापान की अकाने यामागुची को हराकर 1-0 से बढ़त हासिल कर ली।
वहीं इसके बाद जब दूसरा गेम शुरू हुआ तो जापानी यामागुची ने शानदार तरीके से वापसी की और गेम को 17-14 तक पहुंचा दिया। वहीं इस दौरान सिंधु ने कुछ गलतियां की और उन्हें एक एक पाइंट के लिए जुझना पड़ा। 22 मिनट तक खेले गए इस गेम में जापान की यामागुची ने वापसी करते हुए ओलंपिक सिल्वर मेडलिस्ट पीवी सिंधु को 21-15 से हरा दिया।
इसके बाद तीसरे और निर्णायक गेम में सिंधु ने अपना खेल पर फोकस बनाए रखा और बेहद ही आक्रामक तरीके से जापान की यामागुची पर 7-3 से बढ़त हासिल कर ली। वहीं सिंधु ने इस बढ़त को कायम रखा ब्रेक तक 11-7 पर पहुंच गयी। ब्रेक के बाद भी सिंधु का शानदार खले कायम रहा और जापान की यामागुची को चौंकाते हुए तीसरे गेम को 21-10 से अपने नाम कर लिया।