महाराष्ट्र ATS ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मालेगांव से एक मौलाना को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार मौलाना पर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से संपर्क रखने का संदेह है. पीएफआई पर बैन लगने के बाद से ही जांच और सुरक्षा एजेंसियां पीएफआई के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही हैं. दरअसल, पीएफआई के तार टेरर फंडिंग के मामले से भी जुड़े हैं, ऐसे में सुरक्षा एजेंसियां प्रतिबंधित संगठन के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही हैं. मालेगांव से मौलाना की गिरफ्तारी भी उसी से जुड़ा हुआ है.
जानकारी के अनुसार, महाराष्ट्र एटीएस ने प्रतिबंधित संगठन पीएफआई से संबंध रखने के शक में मौलाना को गिरफ्तार किया है. मालेगांव से गिरफ्तार किए गए इस मौलाना की पहचान इरफान दौलत नदवी के तौर पर की गई है. मौलाना नदवी इमाम काउंसिल के अध्यक्ष भी हैं. उन्हें मालेगांव में ही स्थानीय अदालत में पेश किया जाएगा. पीएफआई को प्रतिबंधित संगठन घोषित करने के बाद से ही सुरक्षा और जांच एजेंसियां इससे संपर्क या संबंध रखने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है. बिहार के फुलवारीशरीफ मॉड्यूल के पीछे भी पीएफआई का ही हाथ बताया गया था. इस मामले में कई जगहों पर लगातार छापे मारे गए थे.
गौरतलब है कि कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) को आतंकी फंडिंग व अन्य देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता के चलते 5 साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है. गृह मंत्रालय ने UAPA के प्रावधानों के तहत इस संगठन पर प्रतिबंध लगाया है. वर्ष 2017 में NIA ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर इस संगठन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी. NIA जांच में इस संगठन के कथित रूप से हिंसक और आतंकी गतिविधियों में लिप्त होने के बात सामने आई थी. NIA के डोजियर के मुताबिक यह संगठन राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है.