नई दिल्ली : एक बार फिर मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर न्यूजीलैंड को 7 विकेट से रौंदकर पांचवीं बार ऑस्ट्रलियाई टीम ने विश्व चैंपियन का ताज पहना है।
जिस टूर्नामेंट के लगभग हर दूसरे मैच में 300 का स्कोर बना हो, उसी टूर्नामेंट के फाइनल मुकाबले में न्यूजीलैंड ने सिर्फ 184 का टारगेट दिया। यानी कंगारू टीम के लिए पांचवीं बार खिताब जीतने का सपना सच होने की दहलीज पर था। इससे पहले 4 बार ऑस्ट्रेलिया वर्ल्ड चैंपियन बनी थी लेकिन अपने घर पर अपने दर्शकों के सामने विश्वविजेता बनने का सपना लिए वो पहली बार फाइनल खेलने उतरी थी।
बाएं हाथ के तेज गेंदबाजों की त्रिमूर्ति की कहर बरपाती गेंदबाजी और अपना आखिरी वनडे खेल रहे कप्तान माइकल क्लार्क के दर्शनीय अर्धशतक से ऑस्ट्रेलिया ने न्यूजीलैंड को 101 गेंद शेष रहते हुए तीन विकेट से करारी शिकस्त देकर पांचवीं बार क्रिकेट वर्ल्ड कप जीत लिया।
जीत के लिए 184 रन के आसान लक्ष्य का पीछा करने उतरी ऑस्ट्रेलिया की टीम ने कप्तान क्लार्क की बेहतरीन 74 रन और स्मिथ की नाबाद 56 रन की पारियों की बदौलत 33.1 ओवर में 186 रन बनाकर न्यूजीलैंड को सात विकेट से हरा दिया।
मिशेल जॉनसन, जेम्स फॉकनर और मिशेल स्टॉर्क ने न्यूजीलैंड की पारी की कमर तोड़कर उसकी पूरी टीम को 45 ओवरों में 183 रन पर ढेर कर दिया। विश्वकप 1983 में भारत ने वेस्ट इंडीज के खिलाफ फाइनल में इसी स्कोर का सफलतापूर्वक बचाव किया था, लेकिन न्यूजीलैंड इतिहास नहीं दोहरा पाया।
ऑस्ट्रेलिया 33.1 ओवर में तीन विकेट पर 186 रन बनाकर अपनी सरजमीं पर चैंपियन बनने वाला दूसरा देश बना। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया ने 1987, 1999, 2003 और 2007 में विश्वकप जीता था। क्लार्क ने इस तरह से एक चैंपियन के रूप में वनडे क्रिकेट को अलविदा कहा। उन्होंने पहले ही घोषणा कर दी थी कि वह फाइनल के बाद क्रिकेट के इस प्रारूप से संन्यास ले लेंगे।
ऑस्ट्रेलिया को चमचमाती ट्रॉफी के अलावा 39 लाख 75 हजार डॉलर का चेक मिला, जबकि न्यूजीलैंड को 17 लाख 50 हजार डॉलर से ही संतोष करना पड़ा।