इंडिया क्रिकेट टीम के बेहतरीन स्पिनर हरभजन सिंह अब फिल्मों में भी किस्मत अजमाने का
1993 में आई गोविंदा और चंकी पाण्डे फिल्म ‘आँखे’ उस वक़्त की फिल्मों में सबसे
सन 2007 में अपने और 2009 में आई 'यमला, पगला, दीवाना' की कामयाबी के बाद
वर्तमान समय के युवाओं में साधारण कोर्स से ज्यादा प्रोफेशनल कोर्स की तरफ झुकाव कुछ
जैसी की आज सभी यह जानते हैं कि पत्रकारिता एक चुनौतिपूर्ण कार्य है और इसी
जब आपके कदम किसी बिल्डिंग के स्ट्रक्चर को देख कर रूक जाएं और आप उसे
जैसा की हमेसा यह देखा जाता है की जैसे ही विद्यार्थियों की बोर्ड की परीक्षा