भ्रष्टाचार ने जिस प्रकार से हमारी पूरी व्यवस्था को जकड़ लिया है और यह पूरी
26 जनवरी 1950 का दिन स्वतंत्र राष्ट्र का उदय उसकी संकल्प सिद्धि का दिवस था।
विशन देवी एक ऐसा नाम है जो अपनी ज़िन्दगी में 21 वर्षो तक उन वारिष्ट
रिश्वत की जड़े बहुत गहरी है, हर छोटे बड़े शहरों से लेकर छोटे-छोटे गांवों, मोहल्लों
हर शाख पे उल्लू बैठा है, अंजामें हिंदुस्तां क्या होगा? यह हम बचपन से सुनते
अगर हम बेटियों की बात करें तो आज जहां एक तरफ कुछ बेटियां प्रगति हर
आजादी के बाद बने भारतीय सविधान की प्रस्तावना में स्पष्ट तौर पर वर्णित हैं, हम
हमारा देश आज पुरी तरह से खनन माफियाओं के गिरफ्त में आ चुका है। आज
यह हमारे समाज कि कैसी विडंबना है कि एक ओर नारी को पूजनें की बात
देश के लिए एक गंभीर समस्या नक्सलवाद, यह सिर्फ भटके हुए आन्दोलन के अलावा और कुछ