बताया जा रहा है कि अपराध गैर-जमानती होने के कारण कोर्ट ने जमानत की याचिका खारिज कर दी है। अब आसाराम के पास हाईकोर्ट में जाने का रास्ता खुला है। हालांकिए आसाराम के वकील ने कहा है कि वह जमानत के लिए अब हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।
वहीं सरकारी पक्ष का कहना है कि उनके तर्कों की जीत हुई और अदालत ने आसाराम को इसलिए रिहा नहीं किया क्योंकि वह बाहर आकर सबूत औऱ जांच प्रभावित कर सकता था। आसाराम फिलहाल जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद है।
हालांकि, आसाराम ने अपनी जमानत के लिए दिल्ली और मुंबई के आला वकीलों की फौज इकट्ठी कर राखी है। वह सूत्रों के मुताबी आसाराम सुबह से ही जेल में परेशान दिखाई डे रहे थे, उनके पास वहां पर दो वकील जमानत की अर्जी पर आया फैसला बताने के लिए वही बैठे थे। लेकिन शाम को पांच बजे जब कोर्ट का फैसला आया आसाराम कि साड़ी उम्मीदों पर पानी फिर। जिसमे कोर्ट ने आसाराम को 14 सितम्बर तक की न्यायायिक हिरासत में भेज दिया है।