नई दिल्ली : देश हित में मोदी सरकार बड़ा फैसला लेने जा रही है। इस फैसले में देशभर में बिकने वाली 300 से ज्यादा दवाईयों पर पाबंदी लगा दी जाएगी। इसमें फेंसेडिल, सेरिडॉन और डी’कोल्ड टोटल जैसे कफ सिरप, पेन किलर और फ्लू जैसी करीब 300 दवाईयां शामिल हैं।
ये फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेसन (एफडीसी) मेडिसिन्स हैं। सरकार के इस कदम से एबॉट जैसी बड़ी कंपनियां समेत पीरामल, मैक्लिऑड्स, सिप्ला और ल्यूपिन जैसी घरेलू दवा बनाने वाली कंपनी के अलावा भी कई कंपनियां प्रभावित होंगीं। इन दवाईयों पर मेडिकल स्टोर के मालिकों की चिंता बढ़ गई है। कहा जा रहा है कि बैन लगने के बाद कंपनियां सरकार के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा सकती है।
जी हां सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, स्वास्थ्य मंत्रालय देश की सर्वोच्च ड्रग अडवाइजरी बॉडी की एक उप-समिति की सिफारिश को मानते हुए जल्द ही 300 से ज्यादा दवाइयों को बैन कर सकता है। अगर इसे लागू कर दिया गया तो लोगों के बीच आम हो चुकी कई तरह की दवाईयों की बिक्री बंद हो जाएगी। स्वास्थ्य मंत्रालय जिन 343 फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन मेडिसिन्स के उत्पादन, बिक्री और वितरण पर पाबंदी लगाने की सोच रहा है, उसकी ड्राफ्ट लिस्ट ड्रग टेक्नॉलजी अडवाइजरी बोर्ड (डीटीएबी) की सिफारिशों के आधार पर तैयार की गई है।
एक अधिकारी ने बताया, ‘स्वास्थ्य मंत्रालय 343 एफडीसीज को बैन करेगा।’हालांकि, हेल्थ मिनिस्ट्री के एक अन्य सीनियर अफसर ने कहा कि अंतिम प्रारूप पेश करने से पहले मसौदे में संशोधन किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘मामले पर अब भी विचार हो रहा है।’
जानिये, क्या है एफडीसी?
बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होनेवाली दो या दो से अधिक सामग्रियों के मिश्रण के एक निश्चित खुराक का पैक फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन (एफडीसी) कहलाता है। ड्राफ्ट में पारासिटामोल+फेनिलेफ्राइन+कैफीन, क्लॉरफेनिरामाइन मैलिऐट+कोडाइन सिरप और पारासिटामोल+प्रॉपिफेनाजोन+कैफीन जैसे कॉम्बिनेशनों की एफडीसीज को शामिल किया गया है।