बंगालगढ़ गांव में महादलित और आदिवासी मुसीबत में

baadhकटोरिया। बांका जिले के चान्दन प्रखंड में धनुवसार प्रखंड है। इस पंचायत की मुखिया हैं। जो बंगालगढ़ गांव में रहने वाले महादलित और आदिवासियों की मुसीबत दूर करने में सहायक नहीं बन रही हैं। इसके कारण आजादी के 66 साल के बाद भी ताड़ के पत्तों से झोपड़ी बनाकर रहने को बाध्य हो रहे हैं। वहीं प्रशासन की उदासीनता से स्थानीय दबंग सक्रिय बनकर शासक बनकर शासन कर रहे हैं।

वन विभाग के द्वारा परवाना निर्गत नहीं:

बंगालगढ़ गांव में सामाजिक कार्यकर्ता रमेश मरांडी की अध्यक्षता में बैठक की गयी। इस बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को स्मार पत्र पेश करके आपबीती बयान दर्ज किया जाए। यहां पर अनुसूचित जाति एवं जनजाति समुदाय के लोग रहते हैं। यहां पर रहने वाले लोग वनाधिकार कानून-2006 के तहत परवाना हासिल करने के सुयोग्य पात्र हैं। बावजूद इसके वन विभाग के द्वारा परवाना निर्गत नहीं किया जा रहा है।

नदीनाले के दूषित पानी पीने को बाध्यः

नागरिक कल्याण में लगी नीतीश सरकार ने अनुसूचित जाति औेर जन जाति को नदीनाले के दूषित पानी पीने को बाध्य कर दिया है। यह हाल सरकारी स्तर पर चापाकल और कुआं निर्माण नहीं करने के कारण ही हुआ है। कोई 54 परिवार के गरीब लोगों के पास रकम नहीं है कि अपनी जेब से रकम निकालकर चापाकल और कुआं निर्माण कर सके। मरता क्या करता की राह पर चलकर बंगालगढ़ के लोगों ने दिमागी खेल करके नदीनाले के दुषित पानी को साफ करने का जुगाड़ पैदा कर लिये।

नदी से बहकर पानी नाली के रूप में बनकर आगे की ओर बढ़ते चला जाता है। जहां पर पानी बहता है। वहां से पानी हटने पर किनारे पर कुछ बालू रह जाता है। इसी किनारे पर लोगों ने पानी को साफ करने में दिमाग लगाया है। जब नाली के किनारे महिलाएं पानी लेते जाती है। जुगाड़ के तहत नाली के किनारे बालू को हटाकर गड्ढा में बना लेते हैं।

इसे आदिवासी लोग चुवाड़ी करके संग्रह कहते हैं। नाली का पानी बालू से छनकर गड्ढा में में एकत्र होने लगता है। इसी गड्ढे के पानी को कटोरा से लेकर ढेंकची में डालते हैं। इसी पानी को घरेलू और पेयजल के लिए इस्तेमाल करते हैं। इस तरह के पानी पीकर रोग के मुंह में समाते चले जा रहे हैं। सरकार पोलियो उन्मूलन के लिए करोड़ों रूपए पानी की तरह बहा रही है। परन्तु बंगालगढ़ के लोगों को शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं कर पा रही है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से किया आग्रहः

यहां के अनुसूचित जाति एवं जनजाति समुदाय के लोगों ने सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह किया है कि आपके द्वारा जिस प्रकार ग्रामीण क्षेत्र में एक अश्व शक्ति की मशीन लगाकर पेयजल की व्यवस्था की जा रही है। यह एक अश्व शक्ति वाली मशीन सोलर सिस्टम से चलायी जा रही है। उसी तरह एक अश्व शक्ति वाला मोटर पम्प बंगालगढ़ में भी लगा दें। ऐसा करने से लोगों को शुद्ध पेयजल मिलने लगेगा।

इस महत्वपूर्ण बैठक में रमेश मरांडी, राजकुमार दास, लोथर हेम्ब्रम, महेन्द्र दास, बहादुर दास, जीतलाल किस्कू, लीलावर्ती देवी, राजकुमारी देवी, बड़की हेम्ब्रम,सरस्वती देवी एवं पुअरेस्ट एरिया सिविल सोसायटी पैक्स के कार्यकर्ता मनोज हेम्ब्रम,टिंकु कुमार,बुना मंडल, पैक्स की जिला समन्वयक वीणा हेम्ब्रम, पटना से आए मीडिया प्रभारी आलोक कुमार आदि शामिल थे।