ढाका : बांग्लादेश की राजधानी के एक रेस्त्रां पर शुक्रवार रात हुए आतंकी हमले के खिलाफ चलाया गया कमांडो ऑपरेशन शनिवार दोपहर खत्म हो गया है। ये दावा बांग्लादेश सरकार की ओर से किया गया है। बांग्लादेश सरकार के मुताबिक 20 लोग मारे गए हैं। 40 लोगों को बंधक बनाए जाने की खबरें थीं। 18 को छुड़ाए जाने का दावा किया गया है। 9 आतंकी बताए गए थे। 6 को मार गिराने का दावा किया गया लेकिन बाकी 3 की जानकारी भी नहीं दी गई है। ढाका की सड़कों पर बख्तरबंद गाड़ियों के साथ आर्मी नजर आ रही है। पीएम शेख हसीना ने इसे “रमजान के दौरान यह इंसानियत पर हमला करार दिया है।
शुक्रवार रात यहां के पॉश इलाके गुलशन डिप्लोमेटिक जोन की एक बेकरी में 9 आतंकियों ने हमला बोलकर 40 लोगों को बंधक बना लिया। इनमें से ज्यादातर विदेशी थे। रेस्टोरेंट के अंदर शनिवार सुबह दो बड़े धमाकों की आवाज आई। बेकरी में तीन बमों को डिफ्यूज किया गया। एक आतंकी को जिंदा पकड़ा गया है। उससे सीक्रेट लोकेशन पर पूछताछ हुई।
ढाका पुलिस के मुताबिक, कुछ आतंकी शहर में मौजूद हो सकते हैं। इनको पकड़ने के लिए मेजर सर्च ऑपरेशन जारी। भारत में रह रहीं बांग्लादेशी राइटर तस्लीमा नसरीन ने दावा किया था कि बंधकों में एक भारतीय लड़की भी है। फिलहाल, उसके बारे में जानकारी नहीं है। मोदी के मंत्री राज्यवर्धन सिंह ने कहा था कि बंधक बनाए गए लोगों की नेशनलिटी पब्लिक न की जाए। यह बांग्लादेश के लिए बिलकुल नया अनुभव है, बांग्लादेशी पुलिस इस तरह की घटना के लिए ट्रेंड नहीं है, इस वजह से ऑपरेशन में कई दिक्कतें आईं।
ढाका के जिसे इलाके में ये हमला हुआ है वहां पर करीब 34 देशों के दूतावास हैं। हमलावरों की फायरिंग से 3 लोग जख्मी हुए हैं, जिसमें से 2 पुलिसकर्मी हैं। घायल लोगों को पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने इलाके को सील कर दिया है। बताया जा रहा है कि हमले का निशाना बना होली आर्टिसन रेस्टोरेंट काफी चर्चित है और यहां विदेशी राजनयिक शाम के वक्त आते हैं। बंधकों में कुछ राजनयिकों के भी होने की आशंका है। तसलीमा नसरीन ने ट्वीट करके कहा कि रेस्टोरेंट में इस्लामिक आतंकियों ने हमला किया।
मुंबई हमलों से सबक? मीडिया कवरेज पर रोक
होस्टेज को छुड़ाने के लिए शनिवार सुबह 8: 50 बजे को कमांडो ऑपरेशन शुरू किया गया। इसके पहले इस ऑपरेशन के लाइव मीडिया कवरेज पर रोक लगा दी गई। ये दरअसल, मुंबई के 26/11 हमलों से सबक लेकर किया गया। मुंबई हमलों के दौरान आतंकियों को लाइव कवरेज की वजह से सिक्युरिटी फोर्सेस के हर मूवमेंट की जानकारी मिल रही थी। इससे उन्हें काफी मदद मिली थी।ढाका में बांग्ला सरकार ने न सिर्फ लाइव मीडिया कवरेज को रोक दिया बल्कि इमरजेंसी सर्विसेस को छोड़कर बाकी जगह लाइट सप्लाई भी बंद कर दी।
बांग्लादेशी मीडिया खुफिया सूत्रों के हवाले से कह रहा है कि आईएसआईएस ने हमले की जिम्मेदारी ले ली है। हालांकि, कुछ खबरों में कहा गया है कि बांग्लादेश में अल कायदा की लोकल बॉडी ने हमले की जिम्मेदारी ली है। बता दें कि आईएस का हाथ इसलिए भी होने की आशंका है, क्योंकि पिछले कुछ दिनों से बांग्लादेश में उसकी मौजूदगी की बातें सामने आई हैं। आईएस ने इस तरह के हमलों की चेतावनी भी दी थी। शुक्रवार को सुबह एक हिंदू पुजारी की भी हत्या कर दी गई थी। हालांकि, शेख हसीना सरकार देश में हो रहे आतंकी हमलों में स्थानीय इस्लामिक एक्ट्रिमिस्ट का हाथ होना बताती रही है। सरकार देश में आईएसआईएस की मौजूदी ने इनकार करती रही है।
आपको बता दें कि बीते 3 साल में जमात-ए-इस्लामी (जेआई) के कई नेताओं को फांसी दी गई। इन पर 1971 की आजादी की लड़ाई के दौरान कई लोगों की हत्या का आरोप था। मालूम हो कि जेआई बांग्लादेश का सबसे बड़ा राजनीतिक इस्लामिक ग्रुप है। इसकी प्रमुख पूर्व पीएम खालिदा जिया है। सरकार के क्रेकडाउन के बाद आतंकी गुटों ने बांग्लादेश को इस्लामिक देश बनाने की ठानी। पिछले साल कई पब्लिशर्स और ब्लॉगर्स को निशाना बनाया गया। इनमें एक LGBT मैगजीन के एडिटर जुल्हाज मन्नन और गे राइट्स एक्टिविस्ट महबूब रब्बी तोनोय थे।