अदालत ने शहजाद को आईपीसी की धारा 302, 307, 186 और 120 बी के तहत दोषी करार दिया है। कोर्ट ने कहा कि शहजाद ने गोली मारकर इंस्पेसक्टकर मोहन शर्मा की हत्या की थी। यही नहीं उसने बाकी पुलिसवालों पर भी गोलियां चलाईं और हेड कॉन्टेारकरबल बलवंत सिंह की हत्या की भी कोशिश की।
उधर, कोर्ट का फैसला आने से शहजाद के घरवालों ने नाराजगी जताई है, उनका कहना है कि शहजाद फंसाया गया है। उसके चाचा ने कहा है कि वे अब हाईकोर्ट में अपील करेंगे।
गौरतलब है कि यह एनकाउंटर 19 सितम्बर 2008 को दिल्ली के बटला हाउस इलाके के मकान नंबर स्-18 में हुआ था। जिसमें दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा शहीद हो गए थे। इस केस के दो आरोपी-आतिफ अमीन बशीर और मोहम्मद साजिद की एनकाउंटर के दौरान ही मौत हो गई थी, जबकि एक आरोपी अरिज खान उर्फ़ जुनैद अब तक फरार है। इसी के साथ बटला हाउस एनकाउंटर के फर्जी होने का आरोप लगाया जाता रहा है। हालांकि सरकार इन आरोपों को दरकिनार करते हुए इस एनकाउंटर की जांच की मांग भी ठुकरा चुकी है।
लिहाजा से कोर्ट के सामने यह सवाल नहीं था कि बटला हाउस एनकाउंटर फर्जी था या नहीं, लेकिन शहजाद पर हत्या के आरोप के इस मामले से यह सवाल परोक्ष रूप से जुड़ गया था। अदालत ने शहजाद को इंस्पेक्टर एमसी शर्मा की हत्या का दोषी करार देते हुए एक तरह से मान लिया कि एनकाउंटर फर्जी नहीं था।