गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस में सिर्फ रेयरेस्ट ऑफ रेयर मामलों में ही फांसी की सजा देने के लिए कहा गया है। इसके पहले शहजाद की सजा का ऐलान सोमवार को ही होना थाए लेकिन शहजादे के वकील की गैरमौजूदगी के कारण सजा का ऐलान नहीं किया जा सका।
कोर्ट ने इस केस को रेयरेस्ट ऑफ रेयर की श्रेणी में नहीं माना। उनका कहना था कि इंस्पेक्टर शर्मा और बाकी दो की मौत क्रॉस फायरिंग में हुई है। कोर्ट ने पुलिस की उस दलील को नहीं माना कि शहजाद बाकी दो अन्य मामलों (बम धमाकों) से जुड़ा है। कोर्ट ने पाया कि उस पर इससे पहले एक भी केस नहीं था। बम धमाकों के आरोप में भी वह अब तक दोषी साबित नहीं हुआ है।
गौरतलब है कि बटला हाउस एनकाउंटर 19 सितंबर 2008 यानी दिल्ली धमाकों के 6 दिन बाद का है। स्पेशल सेल ने आतंकवादियों को पकड़ने के लिए बटला हाउस इलाके के फ्लैट एल-18 में दबिश दी थी। इस दौरान हुए एनकाउंटर में इंस्पेक्टर मोहनचंद शर्मा शहीद हुए थे, जिसमें 26 लोगों की मौत हुई थी और 133 लोग घायल हुए थे।
इस एनकाउंटर में साजिद और आतिफ नाम के दो आतंकवादियों की मौत हो गई थी, जबकि शहजाद और जुनैद मौके से भाग निकलने में कामयाब रहे। बाद में शहजाद को पुलिस ने आजमगढ़ से गिरफ्तार किया था, जबकि जुनैद अब तक पुलिस की गिरफ्त में नहीं आया है।