जसप्रीत बुमराह की चोट पर BCCI अध्यक्ष का बड़ा बयान, जल्द उठाए जाएंगे ये बडे़ कदम

टीम इंडिया पिछले कुछ समय से लगातार खिलाड़ियों के चोटिल होने की परेशानियों से जूझ रही है. टी20 वर्ल्ड कप 2022 में भी जसप्रीत बुमराह चोट के चलते टीम इंडिया का हिस्सा नहीं हैं. इन सब के बीच भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) के अध्यक्ष रोजर बिन्नी ने एक फिर से दोहराया खिलाड़ियों के लगातार चोटिल होने की समस्या से निपटना बेहद जरूरी है और कहा कि वर्ल्ड कप से 10 दिन पहले आप जसप्रीत बुमराह के चोटिल होने को नजरअंदाज नहीं कर सकते.

टीम इंडिया को खलेगी बुमराह की कमी

भारतीय टीम के ऑस्ट्रेलिया रवाना होने से तीन दिन पहले बुमराह  टी20 वर्ल्ड कप से बाहर हो गए थे. मोहम्मद शमी  उसी समय कोविड-19 से संक्रमित थे और इसलिए बीसीसीआई को उन्हें बुमराह की जगह टीम में शामिल करने के लिए आखिरी समय तक इंतजार करना पड़ा था. इस टूर्नामेंट में टीम इंडिया को जसप्रीत बुमराह जैसे घातक गेंदबाज की कमी खलने वाली है.

रोजर बिन्नी ने जताई चिंता

रोजर बिन्नी ने बीसीसीआई अध्यक्ष पद संभालने के बाद भी इस मुद्दे को उठाया था. बिन्नी ने कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ के सम्मान समारोह ने कहा, ‘हमें इस पर गौर करने की जरूरत है कि खिलाड़ी इतनी बुरी तरह चोटिल क्यों हो रहे हैं. केवल अभी नहीं बल्कि पिछले चार-पांच सालों से. ऐसा नहीं है कि हमारे पास अच्छे के ट्रेनर या कोच नहीं है. क्या खिलाड़ियों पर बहुत अधिक बोझ है या वह बहुत अधिक फॉर्मेट्स में खेल रहे हैं. इसके लिए कुछ करना जरूरी है. यह मेरी प्राथमिकता है.

बुमराह की चोट नजरअंदाज नहीं कर सकते

रोजर बिन्नी  ने कहा, ‘आप वर्ल्ड वकप से 10 दिन पहले बुमराह के चोटिल होने को नजरअंदाज नहीं कर सकते और फिर कौन उनकी जगह लेगा. इससे निपटना महत्वपूर्ण है.’ भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) की एक रिपोर्ट के मुताबिक 23 केंद्रीय अनुबंधित क्रिकेटरों को 2021-22 सीजन में ‘रिहैबिलिटेशन’ के लिए एनसीए (नेशनल क्रिकेट एकेडमी) की मदद लेनी पड़ी थी.

BCCI अध्यक्ष ने रणजी ट्रॉफी जैसे घरेलू टूर्नामेंट के लिए बेहतर विकेट तैयार करने के महत्व पर भी जोर दिया. रोजर बिन्नी  ने कहा, ‘पिचें अभी तेज गेंदबाजों के अनुकूल नहीं है. हमें आधारभूत ढांचे पर भी काम करना होगा.’ भारतीय क्रिकेटरों की तर्ज पर घरेलू क्रिकेटरों को केंद्रीय अनुबंध देने के संबंध में बिन्नी ने कहा, ‘घरेलू क्रिकेटरों का पूरा ध्यान रखा जा रहा है और उन्हें अच्छी सुविधाएं मिल रही हैं.’