कोलकाता : पश्चिम बंगाल चुनाव की तारीखें अभी तय नहीं हुई हैं लेकिन सभी राजनीतिक दलों का एक दूसरे पर वार लगातार जारी है। चुनाव आयोग की टीम पश्चिम बंगाल के दौरे पर है। इस दौरान जहां टीएमसी ने चुनाव आयोग से कहा कि बीजेपी बीएसएफ के जरिए सीमावर्ती इलाकों में लोगों को वोट के लिए डरा रही है तो वहीं अब बंगाल बीजेपी चीफ दिलीप घोष ने पलटवार करते हुए यह कहा है कि सीमा से सटे इलाकों में रोहिंग्याओं के नाम मतदाता सूची में जोड़े गए हैं।
गुरुवार को दिलीप घोष ने चुनाव आयोग के प्रतिनिधिमंडल से मिलने के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान यह बताया। उन्होंने चुनाव आयोग से कहा है कि पश्चिम बंगाल में आगामी चुनावों को लेकर लोगों में डर का माहौल है और इसलिए जल्द ही यहां सेना भेजी जानी चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘चुनाव आयोग की पूरी टीम यहां चुनावी तैयारियों का जायजा लेने पहुंची है। विपक्षी पार्टी के नाते, हमने उनसे राज्य में एक ऐसा माहौल सुनिश्चित करने को कहा है जहां लोग शांति और निष्पक्षता के साथ अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकें। यह जरूरी है कि यहां केंद्रीय बलों की जल्द तैनाती की जाए।’
घोष ने पश्चिम बंगाल में डर का माहौल होने का दावा करते हुए यह भी बताया कि बीते साल हुए लोकसभा चुनावों के दौरान सभी 42 संसदीय सीटों पर हिंसा की खबरें मिली थीं। उन्होंने यह भी कहा कि निष्पक्ष मतदान के लिए केंद्रीय बलों को मतदान केंद्र के अंदर और राज्य की पुलिस को बूथ के बाहर तैनात किया जाना चाहिए।
टीएमसी की ओर से यह आरोप लगाया गया है कि बीजेपी बीएसएफ के जरिए सीमावर्ती गांवों के लोगों को अपने पक्ष में वोट पाने के लिए धमका रही है। जब यह सवाल घोष से पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘हमें यकीन है कि बॉर्डर वाले इलाकों में रोहिंग्याओं के नाम मतदाता सूची में जोड़े गए हैं। चुनाव आयोग को इसपर ध्यान देना चाहिए।’
तैयारियों का जायजा लेने पहुंची है चुनाव आयोग की टीम
राज्य में आगामी विधानसभा के मद्देनजर मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा के नेतृत्व में चुनाव आयोग की पूरी बेंच दो दिवसीय दौरे पर बुधवार शाम को पश्चिम बंगाल पहुंची थी। पश्चिम बंगाल चुनावों की तारीखों का ऐलान होना अभी बाकी है।
TMC ने लगाया था आरोप
गुरुवार को टीएमसी नेताओं ने भी चुनाव आयोग के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की थी। मुलाकात के बाद टीएमसी के सेक्रटरी जनरल पार्थ चटर्जी ने मीडिया को बताया था, ‘हमने मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयोग के अधिकारियों को इस बात की जानकारी दे दी है कि बीएसएफ बॉर्डर से सटे इलाकों में वोटर्स को डरा-धमका रही है। हमारे पास ऐसे इनपुट्स थे कि अर्द्धसैनिक बल के कई ऑफिसर अलग-अलग गांवों में जाकर लोगों को एक पार्टी विशेष के लिए मतदान करने को कह रहे हैं।’