इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने संसद द्वारा अल जजीरा चैनल को बंद करने जैसे फैसले के लिए कानून पारित किए जाने के बाद सोमवार को संकल्प जताया कि देश में इस चैनल का परिचालन बंद कर दिया जाएगा. उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि यह ‘आंतकवादी चैनल’ है जो उकसाता है.
प्रसारक ने नेतन्याहू के उकसाने वाले दावे की निंदा करते हुए इसे ‘खतरनाक, हास्यास्पद झूठ’ बताया. अल जजीरा ने सोमवार देर रात एक बयान में कहा कि वह नेतन्याहू को अपने कर्मचारियों और कार्यालयों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार मानता है. चैनल के मुताबिक, उसके पत्रकार अपने साहसिक और पेशेवर कवरेज को जारी रखेंगे, और वह ठहर कानूनी कदम उठाने का अधिकार सुरक्षित रखता है.
इजरायल के अल जजीरा के साथ लंबे समय से खराब संबंध रहे हैं. इजरायल चैनल पर उसके प्रति पूर्वाग्रह रखने का आरोप लगाता है. लगभग दो साल पहले दोनों के संबंध तब और बिगड़ गए जब इजरायली कब्जे वाले वेस्ट बैंक में इजरायली सैन्य हमले के दौरान अल जजीरा की संवाददाता शिरीन अबू अकलेह की हत्या कर दी गई थी.
अल जजीरा उन कुछ अंतरराष्ट्रीय मीडिया घरानों में से एक है जिसने पूरे युद्ध के दौरान गाजा से खबरें दीं, हवाई हमलों और भीड़भाड़ वाले अस्पतालों के खूनी दृश्य प्रसारित किए और इजरायल पर नरसंहार का आरोप लगाया. इजरायल ने अल जजीरा पर हमास के साथ सहयोग करने का आरोप लगाया है.
नेतन्याहू ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “अल जजीरा ने इजरायल की सुरक्षा को नुकसान पहुंचाया, सात अक्टूबर के नरसंहार (हमास द्वारा इजरायल पर हमला) में सक्रिय रूप से भाग लिया और इज़रायली सैनिकों के खिलाफ उकसाया. अब हमारे देश से हमास के गुंडों को हटाने का समय आ गया है.”