अपने आवास पर मंगलवार को पत्रकारों से मुखातिब हुए बेनी ने कहा कि उनकी उम्र 72 साल की हो चुकी है और वह वह जो भी बोलेंगे सच बोलेंगे भले ही आलाकमान नाराज हो तो हो। उन्होंने कहा कि गत विधानसभा चुनाव में गोंडा, बाराबंकी और रायबरेली में कांग्रेस का धन सपा प्रत्याशियों को दिया गया। कांग्रेस के कुछ लोग सपा की बी टीम बन गए। कांग्रेस दफ्तर से सपा को ब्रीफिंग की जाती थी।
उन्होंने कहा कि पिछले 20 वर्षों से कांग्रेस ही कांग्रेस को हराती रही है और कांग्रेस को बर्बाद करने वाले सरकारी मकान ओर सुरक्षा लेकर मौज करते रहे हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय पार्टी होने के बावजूद कांग्रेस के प्रत्याशी कम जीतते हैं और निर्दलीय प्रत्याशी ज्यादा जीत जाते हैं। राहुल गांधी सब जानते और समझते रहे हैं और दोषियों को सजा जरूर मिलेगी।
बेनी प्रसाद वर्मा समाजवादी पार्टी के न केवल कद्दावर नेता रहे हैंए बल्कि संस्थापकों में भी शामिल हैं। उन्होंने कांग्रेस को कमजोर करने वालों का नाम लिए बगैर दावा कियाए ष्कांग्रेस के कुछ नेताओं की हैसियत तो देखिये कि वे लोग करोड़ों रुपये में खेल रहे हैंं। उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को एक बार फिर न केवल मजबूत करने का है बल्कि राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद पर देखना चाहते हैं।
उनसे पुछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मैनपुरी में सपा प्रमुख मुलायम को हराने के लिए वह बसपा प्रमुख मायावती से भी दोस्ती कर सकते हैं। बेनी ने सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा कि पेशी के दौरान मरने वाले खालिय मुजाहिद को दरअसल खाने में जहर देकर मारा गया। सपा के लोगों ने डाक्टरों पर बात के लिए दबाव भी बनाया था िकवे मौत का कारण हार्ट अटैक बताएं।
कांग्रेस को कमजोर करने वाले ष्कुछ कांग्रेसी नेताओंष् के नाम पूछने पर उन्होंने कहाए इस बाबत मुझसे नाम मत पूछिये आप लोग अच्छी तरह जानते हैं। बेनी ने दावा किया कि गोंडाए बाराबंकी और रायबरेली तीन जनपदों को विधानसभा चुनाव में लक्ष्य साधकर कांग्रेस को नुकसान पहुंचाया गया। इतना ही नहीं बाराबंकी में उनके बेटे राकेश को हराने के लिए पांच करोड़ रुपये भी खर्च किये गये।
उन्होंने कहा कि जिस ढंग से विधानसभा चुनाव में बाटला हाउस कांड और आरक्षण के मुद्दों को उठाया गया उससे कांग्रेस की फजीहत हुई और विपक्ष को लाभ हुआ। यह पूछे जाने पर कि आरक्षण और बाटला कांड के मुद्दे उठाना कुछ कांग्रेसी नेताओं की भूल थीए बेनी ने कहाए ष्यह भूल नहीं एक सोची दृसमझी साजिश थीए क्योंकि संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण की कोई व्यवस्था ही नहीं है।