नई दिल्ली : अगर हम बेटियों की बात करें तो आज जहां एक तरफ कुछ बेटियां प्रगति हर क्षेत्र में अपनी भूमिका निभाकर अपनी पहचान बना रही हैं। तो वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसी बेटियां भी है जो आसमान तक पहुंचना तो दूर की बात है, उन्हें जमीन पर आने से पहले ही मार दिया जाता है और अगर वह गलती से धरती पर आ भी जाती हैं तो उन्हें समाज का एक तबका ऐसा महसूस करवाता है जैसे वह इस धरती पर बोझ बनकर रह रही है।
सरकार बेटी बचाओ अभियान के लिए तहत नित-नई योजनाएं और अभियान चलाकर लोगों को जागरूक कर रही हैं। उनके जन्म से लेकर पढ़ाई व शादी ब्याह करने तक की योजनाएं सरकार ने चलाई हैं, लेकिन कुछ लोग आज भी बेटी और बेटियों में फर्क करते हैं।
बेटियों को अभिशाप मानते हैं। बदनावर में शनिवार को ऐसी ही शर्मसार करने वाली घटना सामने आई, जब एक नवजात बालिका का शव खेत में पड़ा हुआ मिला।
भुवानीखेड़ा रोड पर खेत में पड़े शव को सुबह एक राहगीर ने देखा। इस पर उसने पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची तथा पंचनामा बनाया और शव को पोस्टमार्टम के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भिजवाया।
प्रत्यदर्शियों के अनुसार नवजात का शव शासकीय अस्पताल की योजनाओं के फ्लेक्स में लिपटा हुआ और खोके में पैक कर फेंका गया था।
जिस फ्लेक्स में शव लिपटा मिला, उस पर ‘भ्रूण हत्या करना पाप है और बेटी बचाओ” का संदेश लिखा था। आशंका है कि कोई अज्ञात व्यक्ति खोके में बंद कर रात या अलसुबह शव को खेत में फेंक गया। इस मामले में सीबीएमओ एस. मुजाल्दा ने बताया कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है।