नई दिल्ली : SC-ST एक्ट के तहत तत्काल गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट के रोक के फैसले के खिलाफ सोमवार को सड़को पर हिंसा का विकराल रूप देखने को मिला। एक्ट को मूलरूप में बहाल करने की मांग को लेकर दलित संगठनों के ‘भारत बंद’ के दौरान कई राज्यों में तोड़-फोड़, आगजनी और फायरिंग में आठ लोगों की मौत हो गई।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, राजस्थान, हिमाचल, जम्मू, पंजाब में बंद के असर के साथ सबसे अधिक हिंसा मध्य प्रदेश के भिंड, मुरैना और ग्वालियर में हुई, जिससे छह की जान चली गई। राजस्थान और उत्तर प्रदेश में भी एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई। भिंड में हालात बेकाबू होने पर सेना बुलानी पड़ी। पंजाब में सेना को अलर्ट किया गया है। कई शहरों में पुलिस व आंदोलनकारियों के बीच झड़पें हुई हैं। ट्रेनों व बसों पर पथराव किया गया है। इसके चलते 100 से ज्यादा ट्रेनें प्रभावित हुई हैं।
बता दें कि ग्वालियर में दो, भिंड में दो, मुरैना व डबरा में एक-एक व्यक्ति की जान गई और 300 से अधिक लोगों के घायल होने की खबर है। वहीँ डबरा में एडिशनल एसपी पर जानलेवा हमला किया गया। थाने में आग लगाने की कोशिश की गई। 50 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए।
वहीँ आगरा, हापुड़, मेरठ, आजमगढ़, गोरखपुर, संभल व गाजियाबाद समेत कई शहरों में भारी उपद्रव हुआ। रोडवेज की बसें जलाई गई। इसके साथ ही सैकड़ों वाहन फूंक दिए। पथराव व तोड़फोड़ की गई। गाजियाबाद-दिल्ली हाईवे पर एम्स के डॉक्टरों व नर्सो की बस में तोड़फोड़ की गई। बिजनौर में जाम में एंबुलेंस फंसने से मरीज की मौत हो गई। बसपा नेता व पूर्व विधायक योगेश वर्मा सहित करीब 250 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शांति की अपील की है।
जानिए, इस हिंसा पर आये नेताओं के ये आग लगाने वाले बयान
बसपा प्रमुख मायावती- ‘असामाजिक तत्वों ने हिंसा कराई। हिंसा के पीछे हमारी पार्टी नहीं है। बीजेपी का नजरिया जातिवादी। बीजेपी सरकारी शक्ति और संसाधन का इस्तेमाल कर इसे बढ़ावा दे रही है।’
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी- ‘दलितों को भारतीय समाज के सबसे निचले पायदान पर रखना आरएसएस व भाजपा के डीएनए में है। जो इस सोच को चुनौती देता है, उसे वह हिंसा से दबाते हैं। हजारों दलित भाई-बहन आज सड़कों पर उतरकर मोदी सरकार से अपने अधिकारों की रक्षा की मांग कर रहे हैं। हम उनको सलाम करते हैं।’
केंद्रीय मंत्री व लोजपा सुप्रीमो राम विलास पासवान- ‘कांग्रेस बताए कि उन्होंने बाबा साहेब के लिए क्या किया है? सरकार में रहने के बावजूद बाबा साहेब को भारत रत्न नहीं दिया गया। इसको लेकर हमारी पार्टी में गुस्सा था।’
आरएसएस का ट्वीट- ‘न्यायालय के निर्णय की आड़ में जिस प्रकार से आरएसएस के बारे में विषैला दुष्प्रचार करने का प्रयास किया जा रहा है, वह आधारहीन व निंदनीय है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का न्यायालय के इस निर्णय से कोई संबंध नहीं।’