महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर को भले ही क्रिकेट का भगवान कहा जाता है और सरकार ने भले ही उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया हो, लेकिन गोवा में तो उनका नाम बेरोजगारों के लिए चलाई जा रही महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) कैजुअल मजदूर के तौर पर दर्ज है।
गोवा परिवर्तन मंच नाम के एक स्वयंसेवी संगठन ने आज दावा किया कि गोवा सरकार के रिकार्ड में सचिन उनकी पत्नी अंजलि तथा दोनों बच्चे मनरेगा के तहत काम करने वाले श्रमिक हैं। दरअसल, यह खुलासा एक आरटीआई अर्जी के तहत हुआ है। यही नहीं, गोवा में इस योजना के लाभार्थियों में अमिताभ बच्चन और क्रिकेटर रिकी पॉन्टिंग जैसी हस्तियों के नाम शामिल हैं। इसमें सचिन की पत्नी और उनके 2 बच्चों के भी नाम हैं। अमिताभ बच्चन के पूरे परिवार और यहां तक कि उनकी दिवंगत मां तेजी का नाम भी है।
एनजीओ गोवा परिवर्तन मंच (जीपीएम) ने आरटीआई के तहत मनरेगा के लाभार्थियों की जिस लिस्ट का खुलासा किया है उनमें आमिर खान, कपिल देव, राहुल द्रविड़, सौरव गांगुली, युवराज सिंह और गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के नाम भी हैं। इस एनजीओ का आरोप है कि फर्जी लाभार्थियों के नाम पर केंद्र की यूपीए सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के पैसे गबन हो रहा है।
मनरेगा के लाभार्थियों की यह लिस्ट चिम्बेल इलाके की है। इस संगठन ने राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से गुहार लगाई है कि वह संबंधित अधिकारियों से इस घोटाले की जांच करने का आदेश दें। जीपीएम के लोगों ने शनिवार को गोवा के राज्यपाल बी. वी. वानचू से मुलाकात कर इस मामले में दखल की मांग की। इस मामले में जीपीएम के संयोजक यातिश नाइक ने कहा कि 100 रुपये रोजाना के हिसाब से 150 दिनों की मजदूरी की रकम जिन लाभार्थियों को मिली उनमें अलग-अलग क्षेत्रों की हस्तियों के नाम भी शामिल हैं।