अमेरिका के जो बाइडेन प्रशासन ने फेडरल कोर्ट से पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यवसायी तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण के लिए भारत के अनुरोध को सर्टिफाई करने का आग्रह किया है। राणा 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले में आरोपी है। असिस्टेंट यूएस अटॉर्नी जॉन जे लुलजियान ने लॉस एंजिल्स में एक फेडरल अमेरिकी कोर्ट के आगे 59 वर्षीय राणा के मुंबई आतंकवादी हमले में मुकदमे के लिए भारत को प्रत्यर्पित किए जाने के सभी मानदंडों को पूरा किया। बता दें कि 4 फरवरी को राणा के वकील ने उनके प्रत्यर्पण का विरोध किया था। लॉस एंजिल्स में अमेरिकी जिला अदालत की न्यायाधीश जैकलीन चुलजियान ने प्रत्यर्पण सुनवाई का समय 22 अप्रैल निर्धारित किया है।
लुलेजियन ने सोमवार को अपने 61-पन्नों के कोर्ट सब्मिशन में कहा कि “संयुक्त राज्य अमेरिका सम्मानजनक रूप से अनुरोध करता है कि 22 अप्रैल, 2021 को प्रत्यर्पण सुनवाई में कोर्ट राणा के प्रत्यर्पण के फैसले के लिए भारत के अनुरोध को प्रमाणित करे।” डेविड कोलमैन हेडली के बचपन का दोस्त राणा को 10 जून को भारत द्वारा मुंबई आतंकवादी हमले में शामिल होने के प्रत्यर्पण अनुरोध पर लॉस एंजिल्स में फिर से गिरफ्तार किया गया था। इस हमले में छह अमेरिकियों सहित 166 लोग मारे गए थे। उसे भारत द्वारा भगोड़ा घोषित किया गया है।
बता दें कि लॉस एंजिलिस में अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट की न्यायाधीश जैकलीन चूलजियान ने 21 जुलाई 2020 को अपने 24 पृष्ठों के आदेश में राणा को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा कि उसके फरार होने का खतरा है। अमेरिका सरकार ने यह दलील देते हुए उसे जमानत पर रिहा करने का विरोध किया कि अगर वह कनाडा भाग जाता है तो उसके भारत में मौत की सजा से बचने की आशंका है।
अमेरिका के सहायक अटॉर्नी जॉन जे लुलेजियान ने अदालत में कहा कि किसी भी मुचलके पर जमानत देने से अदालत में राणा की मौजूदगी सुनिश्चित नहीं की जा सकेगी। उसे जमानत देने से अमेरिका को अपने विदेश मामलों में शर्मिंदा होना पड़ सकता है और उसके भारत के साथ रिश्ते तनावपूर्ण हो सकते हैं। वहीं, राणा के वकील ने कहा कि 26/11 के आरोपी के फरार होने का खतरा नहीं है और उन्होंने उसे जमानत पर रिहा करने के लिए 15 लाख डॉलर का मुचलका भरने का प्रस्ताव रखा।