महिला पहलवानों से उत्पीड़न मामले में बृजभूषण शरण सिंह को बड़ी राहत मिली है. उन्हें 25,000 रुपये के निजी मुचलके पर ज़मानत मिल गई है. जमानत देते हुए कोर्ट ने शर्त रखी कि बृजभूषण बिना बताए देश के बाहर नहीं जाएंगे, गवाहों को प्रभावित नहीं करेंगे.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक सुनवाई के दौरान, दिल्ली पुलिस की ओर से सरकारी वकील ने अदालत से कहा कि आरोपियों पर कानून के मुताबिक मुकदमा चलाया जाए और राहत दिए जाने पर कुछ शर्तें लगाई जाएं.
अदालत में क्या दलीलें दी गईं?
जब अदालत ने वकील से पूछा कि क्या वह जमानत याचिका का विरोध कर रहे हैं, तो उन्होंने कहा, “मैं न तो विरोध कर रहा हूं और न ही समर्थन कर रहा हूं.” उन्होंने अदालत से कहा, “आवेदन को कानून और उच्चतम न्यायालय की ओर से पारित आदेश के अनुसार निपटाया जाना चाहिए.”
पहलवानों की ओर से पेश वकील ने आवेदन का विरोध करते हुए कहा कि आरोपी बहुत प्रभावशाली है. उन्होंने अदालत को बताया, “जमानत नहीं दी जानी चाहिए. अगर इसकी अनुमति दी जाती है, तो कड़ी शर्तें लगाई जानी चाहिए. समय-समय पर गवाहों से संपर्क किया गया है, हालांकि कोई खतरा नहीं है.
आरोपी के वकील ने अदालत से कहा कि वह सभी शर्तों का पालन करेंगे. बचाव पक्ष के वकील ने अदालत को बताया, “कोई धमकी वगैरह नहीं होगी. कानून बहुत स्पष्ट है. उन्हें जमानत दी जानी चाहिए, मैं शर्तों का पालन करने का वचन दे रहा हूं.”
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने इस मामले में 1599 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है. जिसमें आरोपी बृजभूषण शरण सिंह और WFI सेक्रेटरी विनोद तोमर के खिलाफ केस का जिक्र है. इस चार्जशीट में कुल 44 विटनेस हैं. चार्जशीट में कुल 108 लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं. जिनमें 15 लोगों ने पीड़ित रेसलर्स के समर्थन में बयान दिए हैं.