बिहार में कई दिनों से जारी सियासी घमासान के बीच जीतन राम मांझी ने विधानसभा में बहुमत साबित करने से पहले ही राज्यपाल को इस्तीफा दे दिया है। राज्यपाल ने मांझी का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।अब जेडीयू विधायक दल के नेता नीतीश कुमार बिहार के अगले मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं।
हालांकि जीतन राम मांझी ने इस्तीफा देने के बाद कहा कि हालात देखकर लगा कि विधानसभा में स्वच्छ परंपरा का पालन नहीं हो रहा है। स्पीकर कानूनी आधार पर नहीं चले। हमारे पास आज भी बहुमत है। गुप्त मतदान होता तो 40-50 MLA साथ होते। उन्होंने कहा कि मुझे और विधायकों को जान से मारने की धमकियां भी मिली है। इससे पूर्व बीजेपी के समर्थन के ऐलान के बावजूद मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी मझधार में दिख रहे थे। उनके पास बहुमत के लिए जरूरी आंकड़ा जुटता नहीं दिख रहा था।
दरअसल, बिहार में आज से ही बजट का सत्र शुरू हो रहा है। राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी के अभिभाषण के बाद मांझी को बहुमत साबित करना था, लेकिन संख्याबल नहीं होने की वजह से उन्होंने इस्तीफा दे दिया।
सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने विधानभवन पहुंचे नीतीश कुमार से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह फैसला बजट सत्र से पहले ही हो जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि मुझे इस्तीफे की खबर की आधिकारिक जानकारी अभी नहीं है, लेकिन यह सही है तो यह बहुत पहले ही हो जाना चाहिए था। इससे बीजेपी का पर्दाफाश हो गया है। उन्होंने विश्वास मत से पहले जोड़-तोड़ की कोशिश का आरोप भी लगाया। आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव ने जीतनराम मांझी को बीजेपी में न जाने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि मांझी को पहले ही इस्तीफा दे देना चाहिए था, लेकिन बीजेपी से हाथ मिलाकर उन्होंने अपना भविष्य खराब कर लिया।
गौरतलब है कि बिहार विधानसभा का सत्र शुक्रवार से शुरू हो रहा था। सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होनी थी। लेकिन अब मांझी के इस्तीफे के बाद विश्वास मत पेश करने की कोई जरूरत नहीं रह गई है, लिहाजा आज सदन की कार्यवाही स्थगित हो जाने के ही आसार हैं। इससे पहले भारी गहमागहमी के आसार को देखते हुए सदन के बाहर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। विधानसभा के बाहर 1000 जवान, 40 एंबुलेंस, 8 डॉक्टरों की यूनिट और 30 दंडाधिकारी और फायर ब्रिगेड की टीमें तैनात की गई थीं। आस-पास के चार अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया था और राजधानी पटना में भी हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया था।
वहीँ इसपर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार का गेम प्लान एक्सपोज हो गया। जोड़तोड़ की कोशिश की गई, सफलता नहीं मिली तो इस प्रकार का फैसला सुनने में आ रहा है। अब नीतीश कुमार आरजेडी, कांग्रेस और सीपीआई के 128 विधायकों के साथ सरकार बनाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। इससे साफ है कि अब नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं।
साथ ही लालू प्रसाद यादव ने कहा कि मांझी को पहले ही इस्तीफा दे देना चाहिए था। बीजेपी के चक्कर में पड़कर उन्होंने अपना भविष्य गंवाया।
जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि बीजेपी पहले पर्दे के पीछे से काम कर रही थी, लेकिन अब पर्दा हट गया है। इतना ही नहीं शरद यादव ने बिहार के राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी पर पक्षपात करने और बीजेपी के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया।