बिहार में गहराये सियासी संकट के बीच ऐसी संभावना जताई जा रही है कि जीतनराम मांझी अपनी अलग पार्टी बना सकते हैं। एक ओर पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राष्ट्रपति के सामने अपने समर्थक विधायकों की परेड कराने को तैयार हैं, तो दूसरी ओर सीएम जीतनराम मांझी अपनी कुर्सी छोड़ने को तैयार नहीं हैं।
दरअसल, जद (यू) ने जीतनराम मांझी को पार्टी से निकाल दिया है। मांझी की बीजेपी से नजदीकियां बढ़ने की बात कही जा रही थी, लेकिन बीजेपी ने सदन के भीतर मांझी का समर्थन करने या न करने को लेकर अब तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। ऐसी स्थि ति में ज्यादा संभावना इस बात की है कि वे किसी और पार्टी में जाने की बजाए अपनी पार्टी बनाएंगे।
जीतनराम मांझी को जद (यू) के कुछ विधायकों के साथ-साथ लालू प्रसाद की पार्टी आरजेडी के भी एक धड़े का समर्थन हासिल है। अगर ये सभी एकजुट होते हैं, तो नई पार्टी आकार ले सकती है।
इस बीच, बिहार विधानसभा के स्पीकर ने बयान दिया है कि नीतीश कुमार को जद (यू) विधायक दल के नेता के रूप में मान्यता देने का फैसला संवैधानिक प्रावधान के तहत ही किया गया। हालांकि पटना हाईकोर्ट ने नीतीश के जेडीयू विधायक दल के नेता चुने जाने को गैरकानूनी ठहराया है। मांझी के समर्थक विधायक की याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया।