मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार के भूमि अधिग्रहण कानून के खिलाफ शनिवार को उपवास रखा। उन्होंने एलान किया कि अगर यह कानून संसद के दोनों सदनों से पारित भी हो गया तो इसे बिहार में लागू नहीं होने दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि यह काला कानून है, जिसके खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर अभियान चलाया जाएगा। हम लंबी लड़ाई लड़ेंगे। नीतीश ने कहा कि यह किसान विरोधी कानून है और इस मामले में भाजपा अकेली पड़ गई है, फिर भी अपनी जिद पर अड़ी है।
जदयू के प्रदेश कार्यालय में मुख्यमंत्री के 24 घंटे के उपवास कार्यक्रम में कई मंत्री, वरिष्ठ नेता एवं सैकड़ों कार्यकर्ता भी शामिल हुए। पार्टी की ओर से सभी जिला एवं प्रखंड मुख्यालय पर 12 घंटे का उपवास कार्यक्रम रखा गया।
नीतीश ने कहा कि केंद्र सरकार ने इस कानून में जो संशोधन किए हैं, वह महज दिखावा है। किसानों के हित की रक्षा नहीं की गई है। जमीन का अधिकार किसानों के पास रहना चाहिए, सरकार के पास नहीं। उन्होंने कहा इसी कारण 2013 में भूमि अधिग्रहण कानून में बदलाव लाया गया, जिसे संसद ने सभी दलों की सहमति से मंजूरी दी थी। केंद्र सरकार ने इस कानून को लागू करने की बजाय बदल दिया।