बिहार की सियासत में गर्माहट दिखाई दे रही है। मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के बागी होने के बाद सत्ताधारी पार्टी जेडीयू के अंदर गृहयुद्ध की स्थिति बनी हुई है। मांझी द्वारा राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी से विधानसभा भंग करने की अनुशंसा के बाद हुई जेडीयू विधायक दल की बैठक में नीतीश कुमार को नेता चुन लिया गया। इसके बाद नीतीश खेमे के 20 मंत्रियों ने कैबिनेट से भी इस्तीफा दे दिया। हालांकि मुख्यमंत्री जीतन मांझी अब भी इस्तीफा न देने पर अड़े हुए हैं।
इसके बाद नीतीश ने कहा कि वह जल्द ही राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। इस बीच मांझी ने कहा है कि वह इस्तीफा नहीं दे रहे हैं और जरूरत पड़ने पर सदन में बहुमत साबित करने को भी तैयार हैं। राज्य में जदयू के अंदर चल रहे इस घमासान के बाद पार्टी में टूट तय हो गई है।
नीतीश कुमार के विधायक दल के नेता चुने जाने और 20 मंत्रियों के इस्तीफे की पुष्टि करते हुए जेडीयू विधायक श्याम रजक ने कहा, ’20 मंत्रियों ने मांझी कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है। जबकि दो को पहले ही बर्खास्त कर दिया गया था।
नीतीश कुमार का एक बार फिर से सूबे का मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया है। विधायक दल की बैठक में नीतीश कुमार ने कहा, ‘मांझी बीजेपी के इशारे पर काम कर रहे थे।जेडीयू के खिलाफ साजिश हो रही थी। मांझी पार्टी की अनदेखी कर रहे थे। इसलिए मैं आप सबकी बात मानता हूं और मैं सामने से नेतृत्व करने में विश्वास रखता हूं।
अब सब कुछ राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी पर निर्भर करता है कि वह नीतीश कुमार को सीएम पद की शपथ के लिए बुलाते हैं या फिर मांझी की विधानसभा भंग करने की सिफारिश को मंजूर करते हैं।
हालांकि मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी आज शाम दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। पीएम ने उन्हें शाम 5 बजे मुलाकात का वक्त दिया है।