बिहार के गोपालगंज में पिछले 24 घंटे में गोपालगंज जिले में संदिग्ध अवस्था में 13 लोगों की मौत हो गई. आशंका जताई जा रही है कि ये मौतें जहरीली शराब पीने से हुई हैं। गोपालगंज जिला प्रशासन ने पूरे मामले की जांच के लिए कमेटी का गठन कर दिया है। हालांकि प्रशासन का दावा है कि ये मौतें शराब से नहीं बल्कि बीमारी से हुईं हैं। मारे गए लोगों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट अभी आनी बाकी है।
मामले में पहली जानकारी तब मिली, जब मंगलवार को गोपालगंज के हरखुआ खजूरबानी इलाके के पांच लोगों को तबीयत बिगड़ने के बाद अस्पताल में भर्ती किया गया। मरे लोगों में चार एक ही मोहल्ले के रहने वाले हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इनके पेट में तेज दर्द हुआ और उल्टियां शुरू हो गईं, जिसके बाद उन्हें नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।
इस बाबत गोपाल गंज के डीएम राहुल कुमार ने जहरीली शराब को लोगों के मौत का कारण मानने से इनकार किया है।
मृतक के परिजनों के मुताबिक, कई लोगों ने मंगलवार सुबह नगर थाना क्षेत्र के हरखुआ में संचालित एक अवैध शराब भट्ठी से शराब पी थी। दोपहर के बाद सभी की हालत बिगड़ने लगी। सभी को सदर अपताल में भर्ती करवाया गया, जहां मंगलवार देर रात तक सात जबकि बुधवार तड़के छः लोगों की मौत हो गई।
पुलिस के मुताबिक, सभी मृतक नगर थाना के नोनिया टोली, पुरानी चौक, हरखुआ के रहने वाले हैं, जबकि एक और मृतक उचकागांव थाना के दहिभाता का निवासी है। जिलाधिकारी ने कहा कि पूरे मामले की जांच के लिए एक समिति गठित कर दी गई है।
जिलाधिकारी राहुल कुमार का कहना है कि जब तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं आती, कुछ कहना उचित नहीं है। सदर अस्पताल के डॉक्टरों का भी कहना है कि ये मौतें बीमारी के कारण हुई हैं, न कि जहरीली शराब पीने से। डॉक्टर कहते हैं कि पीड़ितों की उल्टी की शिकायत के बाद हालत बिगड़ने लगी और उनकी मौत हो गई। हालांकि परिजन लगातार जहरीली शराब की बात कह रहे हैं।
शराब पर राजनीती
इस घटना के बाद से ही बीजेपी ने बिहार सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। बीजेपी ने आरोप लगाया है राज्य में सरकार की शराबबंदी के कारण अवैध शराब का कारोबार धड़ल्ले से फल-फूल रहा है। मालुम हो कि बिहार में अप्रैल महीने में नीतीश सरकार ने पूर्ण शराबबंदी की घोषणा की थी।