बिहार में मचा सियासी घमासान नई करवट ले सकता है। बिहार और बंगाल के राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी पटना राजभवन पहुंच चुके हैं। राज्यपाल से सोमवार को जीतन राम मांझी और नीतीश कुमार दोनों ही मुलाकात करेंगे। लेकिन देखना दिलचस्प होगा कि राज्यपाल किसे पहले बहुमत सिद्ध करने का मौका देते हैं,
सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक बहुमत साबित करने के दौरान मांझी को बीजेपी का समर्थन मिल सकता है।
वहीँ मांझी समर्थक जेडीयू नेता नरेंद्र सिंह ने कहा कि रविवार को मांझी और पीएम नरेंद्र मोदी की मुलाकात सफल रही है और पीएम ने उन्हें आशीर्वाद दिया है। इस बीच मांझी ने भी स्प्ष्ट कहा है कि वह विधानसभा भंग करने के पक्ष में नहीं हैं।
दूसरी ओर, बिहार विधानसभा के स्पीकर ने पहले ही नीतीश को मांझी की जगह विधायक दल का नेता घोषित कर दिया है। इसके बाद से ही नीतीश के घर समर्थक विधायकों का तांता लगा हुआ है। नीतीश सुबह समर्थकों की बैठक लेने के बाद दोपहर डेढ़ बजे राज्यपाल से मिलेंगे। जबकि जीतनराम मांझी अभी दिल्ली में हैं। वह रविवार को नीति आयोग की बैठक में हिस्सा लेने दिल्ली पहुंचे थे।
हालांकि दोपहर 12 बजे तक वो भी पटना पहुंच जाएंगे। मांझी ने कहा है कि वो राज्यपाल से मुलाकात करेंगे और उनके पास बहुमत होने का दावा पेश करेंगे। मांझी भी दोपहर बाद राजभवन पहुंच सकते हैं।
अब तो बिहार की सियासत की गरमाहट सड़कों पर भी दिखने लगी है। एक तरफ जहां पटना में जेडीयू विद्यार्थी परिषद ने अमित साह और मांझी का पुतला फूंका और बीजेपी को उठापटक का जिम्मेदार बताया, वहीं मांझी के समर्थन में दलित और महादलित समाज सड़कों पर उतरा और नीतीश के खिलाफ मशाल जुलूस निकाला।
इससे पहले रविवार को बिहार के सीएम जीतन राम मांझी ने दिल्ली में कहा कि 19 या 20 फरवरी को वो बहुमत साबित कर देंगे। मांझी ने कहा कि वो 34 नए मंत्री बना सकते हैं। मांझी ने दो टूक कहा कि वो इस्तीफा तभी देंगे जब नीतीश बहुमत साबित कर देंगे।
नीतीश कुमार पर तीखा हमला करते हुए जीतन राम मांझी ने कहा कि नीतीश सत्ता से दूर नहीं रह सकते और सत्ता के लिए कुछ भी कर सकते हैं।मांझी ने कहा कि नीतीश उन्हें रबड़ स्टाम्प समझते थे, लेकिन ये उनकी भूल थी। उनका स्वाभिमान जगा और अब नीतीश कुमार लोगों के बहकावे में आ गए हैं।
दूसरी ओर, नीतीश खेमा भी लगातार मांझी पर हमला करते दिखाई दे रहे हैं। जेडीयू के प्रदेशाध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि मांझी को कुर्सी का मोह है और वो अहंकारी हो गए हैं। वशिष्ठ नारायण सिंह ने ये भी कहा कि मांझी याद करें वो कहा करते थे कि मांझी अपने कमरे में भगवान की नहीं बल्कि नीतीश की फोटो रखते हैं।
गौरतलब है कि बिहार के सीएम जीतनराम मांझी ने रविवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की । हालांकि मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि बातचीत केवल सूखाग्रस्त इलाकों में गंगा का पानी लाने पर हुई। इसके बाद वो नितिन गडकरी से भी मिले।
सूत्रों की मानें तो मांझी ने बीजेपी का साथ मांगा है, लेकिन बीजेपी ने अभी इस ओर कोई आश्वासन नहीं दिया है। उधर, जेडीयू में नीतीश खेमा बीजेपी पर लगातार साजिश रचने के आरोप लगा रहा है। जेडीयू नेताओं का कहना हे कि बीजेपी बिहार की सत्ता में आने को हथियार चाहती है इसलिए फूट डालने की कोशिश कर रही है।