बिहार के पूर्णिया, मधेपुरा, मधुबनी, सीतामढ़ी, कटिहार और दरभंगा जिलों में मंगलवार देर रात आए तूफान में मरने वालों की संख्या 50 पहुंच गई है। करीब 250 अन्य व्यक्ति के घायल हो गए। आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक़ राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को आपदा राहत कोष से अनुग्रह अनुदान के तौर पर चार लाख रुपये दिए जाने की घोषणा की है।
जब मंगलवार की रात 9.40 बजे आंधी के साथ बारिश की शुरुआत हुई तब किसी ने नहीं समझा कि यह मौत का सबब बन जाएगी। तूफानी हवा ने देखते ही देखते विकराल रूप धारण कर लिया। बीस मिनट तक इस तूफानी हवा का तांडव पूर्णिया में जारी रहा। बिजली के खंभे सड़कों पर टूटकर गिरने लगे। कई खड़े वाहनों पर पेड़ गिर गए। सड़क पर चारों ओर पेड़ गिरने के कारण पूर्णिया शहर टापू में तब्दील हो गया। जो जहां था वहीं फंस गया। निकलने के रास्ते नहीं थे। सभी रास्ते अवरुद्ध हो गए थे। मोबाइल नेटवर्क एवं टेलीफोन सेवा बाधित होने के कारण देर रात तक हुई क्षति की सही तस्वीर तो सामने नहीं आई लेकिन जैसे ही सुबह हुई हर ओर तबाही का मंजर दिखने लगा।
देर रात आई तेज आंधी जहां हजारों परिवार के लोगों के सिर से उनका साया उड़ा ले गई तो कई बच्चों के सिर से पिता व मां का साया भी छिन गया। तूफानी हवा के गुजरने के बाद हर ओर सिर्फ सुनाई दे रही थी लोगों की चीत्कार और वे डूबे थे अपनों के खोने के गम में। किसान अपनी मकई की फसल बर्बाद होने के बाद खून के आंसू रो रहे हैं। बुधवार की सुबह सड़कों का नजारा भी बिल्कुल डरावना था। सड़कों पर जहां उजड़े आशियानों के मलबे बिखरे हुए थे तो कई घरों का बचा-खुचा राशन भी तूफान अपने साथ उड़ा ले गया था।
बुधवार रात को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भीषण तूफान से प्रभावित बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से फोन पर बात की और उन्हें हर प्रकार की केंद्रीय सहायता का आश्वासन दिया। इस कठिन परिस्थिति को देखते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह तूफान से पैदा हालात का जायजा लेने के लिए राज्य का दौरा करेंगे।