जानिए बिहार में क्यों हुई 68 स्कूलों की 12वीं की मान्यता रद्द, 19 स्कूलों की मान्यता निलंबित

पटना: बिहार स्कूल एक्जामिनेशन बोर्ड ने 68 स्कूलों की 12वीं की मान्यता रद्द कर दी है, साथ ही 19 स्कूलों की मान्यता भी निलंबित कर दी गयी है। बोर्ड ने यह कार्रवाई बिहार टॉपर्स घोटाले के बाद की है।

गौरतलब है कि इंटर की परीक्षा में साइंस और आट्र्स के टॉपर पर मीडिया में उठे सवालों के बाद जांच शुरू हुई थी। जिसके बाद बोर्ड ने एक्सपर्ट की एक टीम बनायी थी, जिसके सामने टॉपर्स को उपस्थित होना था। टॉपर्स एक्सपर्ट के सामने उनके सवालों का संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाये थे, जिसके बाद दोनों टॉपर्स की गिरफ्तारी हुई थी। साथ ही उनके रिजल्ट को भी रद्द कर दिया गया था।

टॉपर्स घोटाले के मुख्य आरोपी बच्चा राय हैं, जिन्होंने बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद को एक टॉपर बनाने के लिए 15 लाख रुपये दिये थे। वे विशुन राय कॉलेज के संचालक हैं और उनकी योजना इस घोटाले के जरिये अपने कॉलेज को प्रसिद्ध करना था।

घोटाले के सामने आने के बाद पुलिस अब इस बिंदु पर भी जांच कर रही थी कि सरकार द्वारा मिलने वाले ग्रांट को ज्यादा से ज्यादा लेने का तो यह प्रयास नहीं था? सरकार डिवीजन वाइज प्रति छात्र कॉलेजों को ग्रांट देती है। पुलिस यह भी जांच कर रही थी कि आखिर किस आधार पर बच्चा राय व उससे जुड़े स्कूलों-कॉलेजों को एफिलिएशन दे दिया गया। एफिलिएशन के लिए प्रस्ताव को बोर्ड में रखा जाता है और फिर उसे पास किया जाता है।

बोर्ड में अध्यक्ष के अलावा कई अन्य पदाधिकारी व सदस्य भी होते हैं, तो फिर पास कैसे हो गया? पुलिस एफिलिएशन बोर्ड के तमाम पदाधिकारियों व सदस्यों की सूची बना रही थी और उन सभी से पूछताछ की गयी, जिसके बाद बोर्ड ने यह महत्वपूर्ण फैसला लिया है।