मुजफ्फरपुर : बच्चे के भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए एक महिला ने डिलीवरी होने के डेढ़ घंटे बाद परीक्षा देने पहुंच गई। उन्हें ऐसा करने से डॉक्टर ने मना भी किया था। लेकिन पढ़ाई के प्रति लग्न और हिम्मत दिखाते हुए रंजू कुमारी ने मुजफ्फरपुर के महंत दर्शन दास महिला कॉलेज पहुंच कर परीक्षा देने में सफल रहीं। हालांकि उसकी परीक्षा की व्यवस्था उसी एंबुलेंस में कर दी गई जिस एबुंलेंस से वो कॉलेज गई थी। परीक्षा शुरू होने से महज डेढ़ घंटे पहले ही रंजू ने एक बच्चे को जन्म दिया था।
रंजू के हौसले को सलाम
दरअसल बीएड की परीक्षा दे रही रंजू कुमारी को शनिवार को परीक्षा से कुछ देर पहले प्रसव पीड़ा हुई, तुरंत उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। उसी दिन रंजू की चौथे पेपर की परीक्षा थी। लेकिन रंजू चाहती थी कि किसी तरह से वो इस पेपर की परीक्षा दे दे। लेकिन डॉक्टर इसके लिए तैयार नहीं थे। लेकिन जिद्द पर अड़ी रंजू अपना साल बर्बाद नहीं करना चाहती थी और वो परीक्षा देने परीक्षा केन्द्र पहुंच गईं। हालांकि रंजू की परीक्षा देने की व्यस्था उसी एंबुलेंस में कर दी गई जिस एंबुलेंस से वो कॉलेज गई थी।
रंजू आज खुश है मंगलवार को भी उसने अपनी पांचवीं पेपर की परीक्षा दी, उसकी हिम्मत की वजह से एक साल बर्बाद होने से बच गया। रंजू का कहना है कि बच्चे के बेहतर भविष्य के लिए उसका परीक्षा देना बेहद जरूरी था, ताकि उसकी परवरिश बेहतर ढंग से हो सके. इसलिए हिम्मत करके उसने परीक्षा दी। एमडीडीएम कॉलेज मुजफ्फरपुर की प्रचार्या ममता रानी कहती हैं कि महिला अब बेबस नहीं हैं, उनमें हिम्मत आई है और ये सब महिला सशक्तिकरण का नमूना है।