बीरेंद्र सिंह का कहना है कि उनका रेलमंत्री बनना लगभग तय था लेकिन आखिरी मौके पर उनका पत्ता साफ हो गया। बीरेंद्र सिंह ने कहा, रेलमंत्री के लिए नाम तय हो गया थाए चिट्ठी आ गई थी राष्ट्रपति की, लेकिन रेफरी ने सीटी बजा दी। बीरेंद्र सिंह ने कहा, किसी और पायदान की जरूरत पड़ती है कुर्सी के लिए।
दरअसलए जींद में 20 अगस्त को कांग्रेस की रैली आयोजन किया जाना है। रैली में सोनिया गांधी भी आएंगी। सोनिया आएंगी तो भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी वहां खड़े रहेंगे। इसके लिए ही बीरेंद्र सिंह कार्यकर्ताओं को यहाँ आने का निमंत्रण देने यमुनानगर गए थे, लेकिन जब पत्रकारों के सामने पहुंचे तो मन का अपने मन के दर्द को छुपा न पाए और मन कि भड़ास निकाल डाली।
रेलमंत्री बनने की उम्मीद टूटने के बाद चौधरी बीरेंद्र सिंह के इस आरोप ने कांग्रेस की ईमानदारी को कटघरे में लाकर खडा कर दिया है जो हमेशा सच्चाई और इमानदारी कि बाते करती है बीरेंद्र कि भड़ास ने तो कांग्रेस की टोपी को ऐसा उछाला है कि सोनिया गांधी से लेकर राहुल और मनमोहन सिंह तक सोच में पड़ गये हैं कि ये बीरेन्द्र सिंह क्या बोल गये।
गौरतलब है कि, चौधरी बीरेंद्र सिंह लंबे समय से हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा की राजनीति की कब्र खोदने में जुटे हुए हैं। जींद की रैली में सोनिया गांधी के सामने शक्ति प्रदर्शन करके बीरेंद्र सिंह अपनी राजनीति के उजड़े हुए चमन को फिर से बसाना चाहते थे, लेकिन अब दिल में दबा दर्द संभाल नहीं पाए तो जुबान ऐसी फिसली कि उस पर कांग्रेस भी नहीं टिक पाई।